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किसानों के समर्थन में दो घंटे बंद रहा जंक्शन का बाजार

  • जिला कलक्ट्रेट के समक्ष तीसरे दिन भी बेमियादी पड़ाव पर डटे रहे किसान
    हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)।
    भाखड़ा नहर में 1250 क्यूसेक पानी देने की मांग को लेकर किसानों का बेमियादी पड़ाव शनिवार को लगातार तीसरे दिन भी जिला कलक्ट्रेट के गेट के समक्ष जारी रहा। किसानों के समर्थन में शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर जंक्शन शहर का बाजार दो घंटे बंद रहा। दुकानदारों ने सुबह दस बजे से दोपहर बारह बजे तक अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर किसानों की मांग को समर्थन दिया। किसान नेता डॉ. सौरभ राठौड़, भारतीय किसान यूनियन अध्यक्ष रेशमसिंह व जिला उपाध्यक्ष रमनदीप कौर के नेतृत्व में किसानों ने बाजार में घूम-घूमकर दुकानदारों ने आग्रह कर खुली इक्का-दुक्का दुकानों को बंद करवाया। टाउन शहर का बाजार अन्य दिनों की भांति खुला रहा। भाखड़ा नहरी इलाके में आने के कारण संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर जंक्शन का बाजार दो घंटे बंद रहा। शनिवार को तीसरे दिन भी काफी संख्या में किसान जिला कलक्ट्रेट के समक्ष पड़ाव पर डटे रहे। किसान कलक्ट्रेट गेट के साथ ही एसपी कार्यालय गेट को घेरकर बैठे हैं। किसानों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस का जाप्ता मौके पर तैनात रहा। किसानों ने चेतावनी दी कि पानी लिए बगैर बेमियादी पड़ाव से नहीं हटेंगे। इस दौरान डॉ. सौरभ राठौड़ ने कहा कि भाखड़ा सिंचाई परियोजना क्षेत्र में अपने हक के पानी को लेने के लिए इलाके के हजारों किसान लगातार तीन दिन से जिला कलक्ट्रेट के समक्ष पड़ाव डालकर बैठे हैं। लेकिन प्रशासन और सिंचाई विभाग की भारी संवेदनहीनता के चलते भाखड़ा सिंचाई परियोजना क्षेत्र के किसानों को उनके हिस्से का पानी नहीं मिल पा रहा। इसके खिलाफ शुक्रवार को अनाज मंडी के व्यापारियों ने किसानों की मांग को समर्थन देते हुए कृषि जिन्सों की बोली का कार्य बंद रखा। वहीं शनिवार को बाजार के व्यापारियों ने दो घंटे अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर आंदोलन को समर्थन दिया। डॉ. राठौड़ ने कहा कि जब तक किसानों को उनके हक का पानी नहीं मिल जाता तब तक वे कलक्ट्रेट के समक्ष डटे रहेंगे। पूरा पानी लिए बगैर वे घर नहीं जाएंगे। अगर प्रशासन और सिंचाई विभाग ने इसी तरह संवेदनशीलता रखी तो उन्हें बहुत भारी पड़ेगा। भारतीय किसान यूनियन अध्यक्ष रेशमसिंह ने कहा कि शनिवार को बाजार के दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद रखकर किसानों के इस आंदोलन में सहयोग दिया। रेशमसिंह ने कहा कि भाखड़ा क्षेत्र का किसान पिछले दो माह से नरमा बिजाई के लिए सिंचाई पानी की मांग कर रहा है। लेकिन हालात यह हैं कि पीने के पानी के भी लाले पड़े हुए हैं। सरकार किसानों को सिंचाई पानी दिलवाने की कोशिश करने को भी तैयार नहीं। ऐसे में मजबूर होकर किसानों को भीषण गर्मी में जिला कलक्ट्रेट के सामने पड़ाव डालना पड़ा। ग्राम पंचायत सिंहपुरा सरपंच व भारतीय किसान यूनियन जिला उपाध्यक्ष रमनदीप कौर ने कहा कि किसानों की मांग को व्यापारी-मजदूरों सहित अन्य वर्गांे का समर्थन है। जब तक भाखड़ा नहर में पूरा सिंचाई पानी नहीं मिलता तब तक किसान कलक्ट्रेट के सामने से नहीं हटेगा। लड़ेंगे और जीत हासिल करेंगे।