धौलपुर. जिले के विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट ने एक मानसिक रूप से विमंदित नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक दोषी को दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 70 हजार रुपए के जुमार्ने से भी दंडित किया है। प्रकरण में दूसरा आरोपित फरार चल रहा है। जिसे मफरूर घोषित किया हैं।
विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट के लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि मामला धौलपुर जिले के ग्रामीण इलाके का है। एक परिवादी ने 24 सितम्बर 2016 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी 16 वर्षीय मानसिक रूप से विमंदित पुत्री कक्षा बारहवीं में पढ़ती है। 22 सितम्बर 2016 को वह स्कूल पढ?े गई और जो वापस घर नहीं लौटी। पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसन्धान के दौरान नाबालिग को दस्तयाब कर दुष्कर्म सम्बन्धी मेडिकल कराया। नाबालिग ने अपने बयानों में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि करने पर पुलिस ने आरोपित पंजाब सिंह और एक बालक को निरुद्ध किया। पुलिस ने बालक को धौलपुर प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट के यहां पेश किया। प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट ने बालक की वयस्कों की तरह सुनवाई के लिए पत्रावली पॉक्सो न्यायालय में भेजी। कोरोना महामारी के दौरान न्यायालय ने दोनों मुल्जिमों को जमानत पर छोड़ दिया। जमानत खारिज के लिए परिवादी ने उच्च न्यायालय जयपुर में आवेदन पेश किया।
उच्च न्यायालय ने दोनों मुल्जिमों की जमानत खारिज कर पॉक्सो न्यायालय में सरेंडर करने के आदेश दिए गए। आदेश के बाद भी दोनों आरोपित न्यायालय में सरेंडर नहीं हुए। इस बीच आरोपितों ने सर्वोच्च न्यायालय में आवेदन पेश किया। सर्वोच्च न्यायालय की ओर से आवेदन खारिज करने के बाद मुल्जिम ऐशवीर पॉक्सो कोर्ट में हाजिर हो गया लेकिन, पंजाब सिंह फरार हो गया। मिश्रा ने बताया कि कोर्ट में ट्रायल के दौरान 19 गवाह पेश किए गए। प्रकरण में न्यायाधीश जमीर हुसैन ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद और लोक अभियोजक की दलील सुनने के बाद ऐशवीर पुत्र झमोली गुर्जर निवासी खनपुरा को आईपीसी की धारा 363 और 366 में पांच-पांच वर्ष का कठोर कारावास और दस-दस हजार रुपए के अर्थदंड और आईपीसी की धारा 376 एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 5 व 6 में दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही मुल्जिम को पचास हजार रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। प्रकरण में दूसरा आरोपित मफरूर है। उसकी गिरफ्तारी के बाद कोर्ट उसके खिलाफ ट्रायल शुरू करेगी।