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हाई कोर्ट की पंजाब पुलिस को फटकार, कहा- आपका काम ट्रैफिक मैनेज करना है, गाड़ियां रोक कर दस्तावेज चेक करना नहीं

चंडीगढ़। हरियाणा व चंडीगढ़ की तुलना में पंजाब में ट्रैफिक समस्या अधिक है, नेशनल हाईवे पर जीरकपुर, डेराबस्सी में पंजाब पुलिस अन्य राज्यों के वाहनों को अधिक रोकती है, ऐसे में जिस पुलिस का काम ट्रैफिक मैनेज करना होता है वहीं ट्रैफिक समस्या का कारण बन जाती है।
हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसी समस्याएं पंजाब में अधिक हैं और कोर्ट पंजाब राज्य से इस बाबत प्रक्रिया जानने के लिए अधिक इच्छुक थी। लेकिन राज्य के डीजीपी ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब के डीजीपी को आदेश दिया कि अगर मामले की अगली सुनवाई से पहले हाई कोर्ट पूछे गए सवालों बारे हलफनामा दायर नहीं किया गया तो अगली सुनवाई पर डीजीपी कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहेंगे। राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर नाकों पर तैनात यातायात और अन्य पुलिसकर्मियों द्वारा अनधिकृत हस्तक्षेप पर ब्रेक लगाने के उद्देश्य से हाई कोर्ट ने पुलिसकर्मियों के कर्तव्यों, शक्तियां और अधिकारिता पर जवाब तलब किया था।
मार्च माह में एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने संज्ञान लेकर अपने आदेश में दोनों राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस प्रमुखों से यह स्पष्ट करने के लिए कहा था कि क्या यातायात पुलिस अधिकारी, भारी यातायात प्रवाह वाले घनी आबादी वाले क्षेत्र में प्रतिनियुक्त हैं, दस्तावेजों की जांच के लिए दूसरे राज्य की पंजीकरण संख्या वाले वाहन को रोक सकते हैं, अग्रणी जाम जैसी स्थिति के बावजूद उनका प्राथमिक काम ट्रैफिक को मैनेज करना था। यह भी विशेष रूप से पूछा गया था कि क्या पुलिस राष्ट्रीय या राज्य राजमार्गों पर नाका लगा सकती है और वाहनों को रोक सकती है।
अधिकारियों से नाके पर तैनात पुलिसकर्मियों की ड्यूटी के बारे में भी बताने को कहा गया। अपने विस्तृत जवाब में, हरियाणा पुलिस ने हाल ही कोर्ट को बताया था कि वाहनों के कागजात की जांच के लिए राष्ट्रीय/राज्य राजमार्गों पर स्थायी रूप से पुलिस बैरियर नहीं लगाए जा सकते हैं हालांकि, केवल छोटी अवधि का अस्थाई नाका ही बनाया जा सकता है।
हाईवे पर मौजूद ट्रैफिक पुलिस अधिकारी दस्तावेजों की जांच के लिए वाहनों को अचानक नहीं रोक सकते हालांकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना या लेन परिवर्तन, गलत साइड, ब्लैक फिल्म, शराब पीकर गाड़ी चलाने, रैश ड्राइविंग और ओवर स्पीडिंग आदि सहित किसी भी यातायात नियमों के उल्लंघन पर वाहन को रोका जा सकता उसके दस्तावेजों की जांच की जाती है।