कोरोना से मरने वाले 60 फीसदी से अधिक मरीजों की मांसपेशियों में सूजन रहती है। यह बात कोरोना के 43 मरीजों की अटॉप्सी रिपोर्ट से सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, इन ग्रुप में शामिल 10 में से 6 मरीज में कमजोरी और मांसपेशियों में सूजन थी।
रिसर्च करने वाली जर्मनी की एक यूनिवर्सिटी के मुताबिक, कोरोना के मरीजों में जो सूजन देखी गई है वो आमतौर पर हार्ट और किडनी में होने वाली सूजन से अलग थी।
संक्रमित में मसल इंजरी खतरा बढ़ाती है
शोधकर्ताओं के मुताबिक, सूजन की गंभीरता देखकर पता चलता है कि क्यों कोरोना के मरीजों में मसल इंजरी होने के बाद मौत हो जाती है। जो सर्वाइव कर भी जाते हैं तो उन्हें लम्बे समय तक कमजोरी का सामना करना पड़ता है।
इससे पहले सामने आई एक रिसर्च में सामने आया था कि मसल इंजरी से जूझने वाले कोरोना के मरीज की हालत नाजुक होने या मौत का खतरा ज्यादा है।
दो तिहाई मरीजों में कमजोरी और दर्द
शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोरोना से लड़कर सर्वाइव करने वाले दो तिहाई मरीजों में थकान, मांसपेशियों में कमजोरी और मांसपेशियों में दर्द की शिकायत रहती है। JAMA जर्नल में पब्लिश रिसर्च कहती है, शोधकर्ताओं ने मार्च 2020 से फरवरी 2021 के बीच मरने वाले 54 मरीजों पर रिसर्च की। इनमें से 43 ही कोरोना से पीड़ित थे। वहीं, 11 दूसरी बीमारी से परेशान थे।
63 दिन बाद संक्रमितों का आंकड़ा 11 लाख से कम
देश में शुक्रवार को 84,573 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इस दौरान 3,996 लोगों की संक्रमण की वजह से मौत हुई। राहत की बात यह रही कि पिछले 24 घंटे में 1 लाख 22 हजार 592 लोगों ने कोरोना को मात दी। नए संक्रमितों का आंकड़ा पिछले 71 दिनों में सबसे कम है। इससे पहले 1 अप्रैल को 81,398 कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई थी।
इस तरह एक्टिव केस यानी इलाज करा रहे लोगों की संख्या में 42,085 की कमी रिकॉर्ड की गई। फिलहाल देश में 10 लाख 76 हजार 268 संक्रमितों का इलाज चल रहा है। यह आंकड़ा 63 दिन के बाद 11 लाख से नीचे आया है। इससे पहले 9 अप्रैल को देश में 10 लाख 41 हजार 51 एक्टिव केस थे।
पॉजिटिविटी रेट की बात करें, तो लगातार 5वें दिन संक्रमण दर 5% से कम रही। बीते दिन देश में 19.89 लाख टेस्ट किए गए और संक्रमण दर 4.3% रिकॉर्ड की गई। यानी अब हर 100 टेस्ट में से 4 या 5 लोग ही पॉजिटिव आ रहे हैं।