अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में बाजार बंद होते-होते रिकवरी आ गई। इसकी 6 लिस्टेड कंपनियों में से अडाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर मामूली बढ़त के साथ 1,228 रुपए पर बंद होने में सफल रहा। हालांकि पांच कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही।
सुबह खबर से शेयरों पर दिखा असर
दरअसल सुबह विदेशी निवेशकों के डीमैट अकाउंट को फ्रीज करने की खबर आने के बाद ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। दोपहर तक यह गिरावट और ज्यादा हो गई। हालांकि दोपहर बाद ग्रुप ने दोनों एक्सचेंज पर इस खबर का खुलाया किया। ग्रुप ने कहा कि यह जान बूझ कर निवेशकों को हतोत्साहित करने की खबर प्रकाशित की गई है।
ग्रुप ने कहा, खबर गलत
ग्रुप ने कहा कि 14 जून तक किसी भी विदेशी निवेशकों के डीमैट अकाउंट को फ्रीज नहीं किया गया है। जो भी तीन विदेशी निवेशक हमारी कंपनियों में निवेश किए हैं, उसमें से किसी पर ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह खबर निवेशकों के नुकसान के साथ ग्रुप की भी प्रतिष्ठा पर आंच पहुंचाई है। अडाणी ग्रुप ने कहा कि हम माइनॉरिटी शेयर धारकों के हित में यह खुलासा कर रहे हैं कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
गिरावट से उबरे शेयर
बाजार बंद होते समय अडाणी इंटरप्राइजेज का शेयर 5.84% की गिरावट के साथ 1508 रुपए पर बंद हुआ जबकि सुबह यह 22% गिरा था। अडाणी ट्रांसमिशन, अडाणी टोटल गैस 5-5% की गिरावट के साथ बंद हुआ जबकि अडाणी पोर्ट का शेयर 9.68% की गिरावट के साथ बंद हुआ। अडाणी पावर का शेयर 4.99% की गिरावट के साथ बंद हुआ।
6 लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही
इससे पहले गौतम अडाणी ग्रुप की 6 लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में सुबह 5% से लेकर 22% तक की गिरावट आई है। इसमें सबसे ज्यादा अडाणी इंटरप्राइजेज के शेयर टूटे थे। यह 22% टूट कर 1,200 रुपए पर आ गया। शुक्रवार को यह 1,600 रुपए पर बंद हुआ था। इसके बाद बाकी कंपनियों के भी शेयर इसी तरह टूटे। इससे निवेशकों को शुरुआती घंटे में करीब 50,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
3 विदेशी निवेशकों के निवेश पर शक शेयरों में गिरावट का कारण यह था कि सेबी ने इस ग्रुप की कंपनियों में तीन ऐसे विदेशी निवेशकों को पकड़ा, जिन्हें फर्जी माना जा रहा है। ये तीन निवेशक हैं- अलबुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और APMS इन्वेस्टमेंट फंड। ये मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस के एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं। इनके पास वेबसाइट नहीं है। सेबी ने इन तीनों के निवेश को फ्रीज कर दिया है और जांच शुरू हो गई है।
कुल निवेश 43,500 करोड़ रुपए
नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड यानी एनएसडीएल के मुताबिक अडाणी की कंपनियों में इन तीनों का कुल निवेश 43,500 करोड़ रहा है। ये अकाउंट इसलिए फ्रीज हुए क्योंकि इनके बारे में सेबी के पास जानकारी नहीं है। साथ ही इन पैसों का मालिक कौन है, यह भी पता नहीं है। इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत इन पर कार्रवाई की गई है। हालांकि इसमें अडाणी ग्रुप का कुछ मामला नहीं है, पर उनके शेयरों में यह निवेश है, इसलिए इस ग्रुप के शेयरों में गिरावट दिखी है।
निवेशकों की अडाणी इंटरप्राइजेज में हिस्सेदारी 6.82%
इन निवेशकों की अडाणी इंटरप्राइजेज में हिस्सेदारी 6.82% है। इसका मूल्य 12,008 करोड़ रुपए है। अडाणी ट्रांसमिशन में 8.03% निवेश है और इसका मूल्य 14,112 करोड़ रुपए है। अडाणी टोटल गैस में 5.92% निवेश है। इसका मूल्य 10,578 करोड़ रुपए है। जबकि अडाणी ग्रीन एनर्जी में 3.58% का निवेश है। इसका मूल्य 6,861 करोड़ रुपए है।
साल 2019 में केवाईसी को पूरा करने का आदेश
दरअसल सेबी ने साल 2019 में मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए विदेशी निवेशकों के केवाईसी को 2020 तक पूरा करने का आदेश दिया था। इनको नए नियमों के तहत पूरा करना था। इसमें फेल होने पर उनके डीमैट अकाउंट को फ्रीज किए जाने का नियम था। इसी आधार पर इन तीनों के अकाउंट को फ्रीज किया गया है। कहा जा रहा है कि सेबी ने अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में कीमतों में जुगाड़ पर भी जांच शुरू कर दी है, क्योंकि एक साल में इन कंपनियों ने काफी ज्यादा फायदा दिया है।
प्रमोटर्स की हिस्सेदारी
इन कंपनियों में अडाणी इंटरप्राइजेज, अडाणी ट्रांसमिशन और अडाणी पावर में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 74.29% से ज्यादा है। अडाणी इंटरप्राइजेज में विदेशी निवेशकों का हिस्सा 20.51%, अडाणी टोटल गैस में 21.47%, अडाणी ट्रांसमिशन में 20.30%, अडाणी ग्रीन एनर्जी में 21.47%, अडाणी पोर्ट में 17.90% और अडाणी पावर में 11.49% हिस्सा विदेशी निवेशकों का है। प्रमोटर्स की सबसे कम हिस्सेदारी अडाणी टोटल गैस और अडाणी ग्रीन एनर्जी में है जो 56.29-56.29% है।
