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आबादी के निकट हड्डी पिसाई संयंत्र स्थापित करने का विरोध, किया प्रदर्शन

  • ग्रामीणों ने दी चक्काजाम करने की चेतावनी, जिला कलक्टर को सौंपा ज्ञापन
    हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)।
    आबादी के निकट हड्डी पिसाई संयंत्र स्थापित करने की कार्यवाही के खिलाफ पल्लू तहसील के गांव पूरबसर के ग्रामीणों ने शुक्रवार को जिला कलक्ट्रेट पर विरोध-प्रदर्शन किया। विरोध-प्रदर्शन के बाद जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंप हड्डी पिसाई संयंत्र स्थापित न करने के लिए पाबंद करने की मांग की। साथ ही हड्डी पिसाई संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया बंद न होने पर 6 जून को चक्काजाम की चेतावनी दी। ग्रामीणों ने बताया कि गांव पूरबसर में औद्योगिक प्रयोजनार्थ संपरिवर्तनशुदा भूमि है। उक्त भूमि पर वर्तमान में मैसर्स आजाद इंटरप्राइजेज का स्वामित्व है। यह फर्म आबादी के निकट भूमि पर हड्डी पिसाई संयंत्र स्थापित करना चाहती है जो पूर्णतया विधि विरूद्ध है। ग्रामीणों के अनुसार जिस जगह हड्डी पिसाई संयंत्र स्थापित करना प्रस्तावित है वह भूमि वर्तमान में औद्योगिक प्रयोजनार्थ संपरिवर्तनशुदा है जो हनुमानगढ-किशनगढ़ मेगा हाइवे के चिपते स्थित है। इस संबंध में इण्डियन रोड कांग्रेस के नियमों की पालना नहीं हुई। यह भूमि गांव पूरबसर की आबादी से महज 500 मीटर दूर है। प्रस्तावित भूमि के पास एक महाविद्यालय, मंदिर, होटल, जिप्सम संयंत्र आदि स्थापित है। प्रस्तावित भूमि के चारों ओर ग्रामीणों की खातेदारी कृषि भूमि है जिनमें ग्रामीण ढाणियां बनाकर काफी वर्षों से निवास करते आ रहे हैं। इसके अलावा राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बीकानेर की ओर से जारी आदेश अनुसार आवेदक को मात्र फीड फर्म निर्माण की स्वीकृति है पर इसकी आड़ में उक्त फर्म हड्डी पिसाई संयंत्र लगाने पर आमादा है। इस ईकाई की स्थापना होने से आसपास का वातावरण मृत पशुओं की दुर्गंध से प्रदूषित हो जाएगा। आमजन के स्वच्छ हवा में सांस लेने के संवैधानिक अधिकार का प्रत्यक्ष हनन होगा जो विधि के नियमों के विपरित है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कथित एनओसी देखने मात्र से ही कूटरचित प्रतीत होती है। मात्र साक्षर व्यक्ति भी इस तरीके से हस्ताक्षर नहीं कर सकता। एनओसी पर कोई क्रमांक संख्या व दिनांक भी अंकित नहीं है। ग्राम सभा में भी सर्वसम्मति से संयंत्र के विरोध में प्रस्ताव पारित किया गया है। उन्होंने बताया कि आबादी के नजदीक संचालित महाविद्यालय में सैकड़ों छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। क्षेत्र में एकमात्र कॉलेज होने के कारण छात्र संख्या अधिक है। बदबूदार वातावरण के चलते अध्ययन सीधे तौर पर प्रभावित होगा तथा बीमारियों में वृद्धि की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। इस संयंत्र के लिए प्रस्तावित स्थल के पास ही वर्ष में दो बार सालासर एवं पल्लू यात्रियों के लिए भण्डारे लगते हैं। यहां निकट हड्डी पिसाई संयंत्र लगने से लोगों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचेगी। इसलिए इस संयंत्र को स्थापित होने से रोका जाना बेहद आवश्यक है। अन्यथा छह जून को ग्रामीण चक्काजाम करने को मजबूर होंगे। इस मौके पर रामप्रताप, रणवीर, देवीलाल, भादरराम, सोहन, मोहन, गिरधारी, बंशीलाल, लादूसिंह, साहबराम सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।