जयपुर
प्रदेश में पायलट समर्थकों की ओर से लगातार गहलोत सरकार पर लग रहे आरोपों के बाद सोमवार को सिरोही के निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने पार्टी के आलाकमान को ट्रेनिंग कैंप चलाने की नसीहत तक दे डाली। बोले कि विधायकों और कांग्रेस नेताओं को पता ही नहीं चलता कि कब-क्या बोलना चाहिए। पार्टी इनके लिए ट्रेनिंग कैंप करे और इन्हें बताएं कि किस समय क्या बोलना है और क्या नहीं। वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के विधायक एक के बाद एक गहलोत सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। पिछले साल संयम लोढ़ा गहलोत खेमे के साथ सक्रिय रूप से नजर आए थे। ऐसे में समझा जा रहा है कि इस बयान से वे पायलट समर्थकों को मैसेज दे रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी में पिछले 10 दिन से चल रहे विवाद में सचिन पायलट समर्थक लगातार गहलोत सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। इससे पहले पायलट समर्थक वेदप्रकाश सोलंकी ने सरकार पर फोन टैपिंग का तक का आरोप लगाकर सियासी हलचल मचा दी है। अब लगातार पायलट समर्थक विधायक बृजेंद्र सिंह ओला और हरीश मीणा समेत अन्य विधायक गहलोत सरकार को अलग-अलग मुद्दों पर घेर रहे हैं। इस बीच सोमवार सुबह निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने इन विधायकों को ट्रेनिंग देने की सलाह दी। उन्होंने पार्टी आलकामान को ट्वीट करते हुए लिखा कि…घोर अनुशासनहीनता के चलते राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी को प्रदेश स्तरीय चिंतन शिविर का आयोजन करना चाहिए। यह समझ तो बननी चाहिए कि हम महात्मा गांधी और पंडित नेहरू की विरासत के सेवक है।
10-15 दिन से हो रहा है, उसमें सभी को कैडर का महत्व समझना जरूरी
इस ट्वीट से साफ है कि संयम लोढ़ा का निशाना पायलट के समर्थकों पर है, जो पिछले कुछ दिनों से लगातार गहलोत सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। विधायक लोढ़ा ने बताया कि पिछले 10-15 दिन से जो कुछ भी चल रहा है उसमें कैडर को समझना चाहिए। इस कोरोनाकाल में हम सब ने जान पर खेल काम किया और इसके बाद ऐसे बयानों से आम कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है।
