जयपुर
बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के आगे एक बार फिर सरकार की इंटेलिजेंस पूरी तरह फेल साबित हो गई। किरोड़ी मीणा 30 से ज्यादा अनाथ बच्चों को लेकर मुख्यमंत्री निवास के गेट तक पहुंच गए और धरने पर बैठ गए। मीणा करीब एक घंटे तक धरना देते रहे। बाद में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास से वार्ता के बाद किरोड़ी मीणा धरने से उठे। सीएम हाउस के गेट के बाहर इस तरह धरने का यह पहला मामला है। इस घटना ने प्रदेश के इंटेलिजेंस तंत्र की पोल खोल कर रख दी है।
किरोड़ी मीणा दोपहर में गाड़ियों के काफिले के साथ जवाहर सर्किंल के पास सिद्धार्थ नगर में अपने घर से मानसरोवर होते हुए सिविल लाइंस पहुंचे। किरोड़ी का काफिला अचानक सीएम निवास के बाहर आकर रुक गया और गाड़ियों से बड़ी संख्या में बच्चे और उनके रिश्तेदार उतरे। देखते ही देखते किरोड़ी मीणा बच्चें को लेकर सीएम निवास के बाहर धरने पर बैठ गए। यह घटनाक्रम इतना तेजी से हुआ कि सुरक्षाकर्मी भी हक्के-बक्के रह गए। अचानक से बड़ी संख्या में बच्चों को धरने पर बैठे देख सीएम हाउस की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों में हड़कंप मच गया। सोडाला थाने और सीएम सिक्योरिटी में लगे बड़ी तादाद में सुरक्षाकर्मी और पुलिस के वरिष्ठ अफसर भी मौके पर पहुंचे, लेकिन किरोड़ी प्रदर्शन करते रहे। सीएम हाउस सहित सिविल लाइंस के इलाके में हर वक्त धारा 144 लगी रहती है, इसके बावजूद किरोड़ीलाल मीणा अचानक बच्चों के साथ आकर धरने पर बैठ गए और पुलिस को भनक तक नहीं लगी।

सीएम हाउस के ठीक बाहर किरोड़ी मीणा के साथ धरने पर बैठे अनाथ बच्चे।
सीएम हाउस के गेट पर अनाथ बच्चों के साथ एक घंटे तक प्रदर्शन करते रहे किरोड़ी
किरोड़ीलाल मीणा पूरी तैयारी के साथ आए थे। अनाथ बच्चों के साथ किरोड़ी मीणा घंटे भर तक प्रदर्शन करते रहे। बच्चों के हाथों में आर्थिक पैकेज के मांग वाली तख्तियां थीं। किरोड़ी के अचानक धरने पर बैठने की सूचना के बाद पुलिस अफसर भी मौके पर पहुंचे, उन्होंने धरने से उठने का आग्रह किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। बाद में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने आकर किरोड़ी से वार्ता की। उनके मांग पत्र में रखी गई मांगों पर सक्षम स्तर से जल्द कार्यवाही का भरोसा दिलाया, तब उठे।
ढाई माह में दूसरी बार बुरी तरह फेल हुई इंटेलीजेंस
यह पहला मौका नहीं है जब किरोड़ीलाल मीणा के आगे इंटेलिजेंस पूरी तरह फेल हुई हो। इससे पहले 8 अप्रैल को महवा थाने के सामने धरने से शंभु पुजारी का शव लेकर किरोड़ी मीणा सिविल लाइंस फाटक पर पहुंच गए थे। उस वक्त भी महवा से लेकर जयुपर तक किसी को कानों कान खबर नहीं लगने दी थी। शनिवार को भी किरोड़ी ने किसी को भनक तक नहीं लगने दी और अचानक सीएम निवास के गेट पर पहुंचकर अनाथ बच्चों के साथ धरने पर बैठ गए।
किरोड़ीलाल मीणा बोले- हर अनाथ बच्चे को पैकेज दे सरकार, अभी जो भी योजनाएं हैं वे ऊंट के मुंह में जीरा
किरोड़ीलाल मीणा किसी भी कारण से अनाथ हुए प्रदेश के सभी बच्चों को आर्थिक पैकेज की मांग कर रहे हैं। किरोड़ीलाल मीणा ने कहा- प्रदेश में अनाथ बच्चों के लिए चलाई जा रही पालनहार योजना, गोराधाय और उत्कर्ष स्कीम राहत देने में नाकाफी है। यह उंट के मुंह में जीरे के समान है। बहुत से अनाथ बच्चे अभी भी वंचित हैं। सरकार किसी भी कारण से अनाथ हुए हर बच्चे के लिए कोविड की तर्ज पर ही पैकेज दे।
- हर अनाथ बच्चे काे एक लाख रुपए दिए जांए।
- हर माह सात हजार रुपए बालिग होने तक और कॉलेज तक मुफ्त शिक्षा दी जाए।
- अनाथ बच्चों के राशन और खान पान की व्यवस्था सरकार करे।
- अनाथ बच्चे निजी स्कूल में पढ़ रहे हों तो उन्हें 25 हजार रुपए सालाना की एकमुश्त सहायता दी जाए।
