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किसानों की आय बढ़ाने के लिए विविधिकरण की महत्ती आवश्यकता: मिश्र

जयपुर (वार्ता). राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि कृषि से जुड़ी मौसमी एवं अन्य चुनौतियां के मद्देनजर कृषि के उत्पादन, संग्रहण, विविधिकरण और कृषि विपणन के कारगर तरीकों पर चिंतन किया जाए।
श्री मिश्र सोमवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में ..कृषकों की आय वृद्धि हेतु कृषि में विविधिकरण.. विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या, छोटी होती जोत, प्राकृतिक संसाधनों की कमी, गिरता भूजल स्तर, वनों का कटाई, ग्रीन हाउस गैसों के दुष्प्रभाव, मृदा की उर्वरा शक्ति में कमी और जलवायु परिवर्तन जैसी अनेक चुनौतियां कृषि के समक्ष हैं। ऐसे में किसानों के आर्थिक उत्थान में कृषि विश्वविद्यालयों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है विश्वविद्यालय किसानों की आवश्यकताओं को समझते हुए ऐसे शोध करें, जिनसे पैदावार बढ़े और किसानों को आर्थिक लाभ हो।
उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि प्रसार शिक्षा के प्रमुख केंद्र हैं। कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा अनेक नवाचार किए जा राह हैं। नवाचारों को इनसे किसानों को होने वाले लाभ को समझने और जानने के लिए वे अगले महीने से कृषि विज्ञान केंद्रों का भ्रमण करेंगे और किसानों के साथ संवाद करेंगे। उन्होंने कहा कि आज के दौर में किसानों की आय बढ़ाने के लिए विविधिकरण की महत्ती आवश्यकता है। कृषि वैज्ञानिक किसानों को एक फसल पर निर्भर नहीं रहते हुए विविधिकरण के लिए प्रेरित करें। ऐसी फसलों को प्रोत्साहित करें, जो कम पानी में पैदा हों तथा मौसम की मार झेल सके।
श्री मिश्र ने कहा कि वर्ष 2023 को मोटे अनाज के उत्पादन और प्रोत्साहन के रूप में मनाया जा रहा है। हमारे देश में भी बाजरा, ज्वार जैसे मोटे अनाज बहुतायत में पैदा होते हैं। इसके मद्देनजर किसानों को मोटे अनाज उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाए। इनकी पैकेजिंग और मार्केटिंग के लिए विश्वविद्यालय विशेष कार्यशालय आयोजित करें।