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कृषि कानूनों का अमेरिका ने किया समर्थन, कहा- दुनिया में भारतीय बाजारों की क्षमता बढ़ेगी

वॉशिंगटन। अमेरिकी सरकार ने भारत के नए कृषि कानूनों का स्वागत किया है। अमेरिका ने कहा है कि वो ऐसे कदम का स्वागत करता है जिससे दुनिया में भारतीय बाजार का प्रभाव बढ़े। भारत में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर सवाल के जवाब में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका, भारत के अंदर बातचीत के माध्यम से पार्टियों के बीच किसी भी मतभेद को हल करने के पक्ष में है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका मानता है कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किसी भी संपन्न लोकतंत्र की पहचान है और भारत की सर्वोच्च न्यायालय ने भी यही कहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ह्यह्यअमेरिका उन कदमों का स्वागत करता है जिससे भारत के बाजारों की क्षमता में सुधार होगा और निजी क्षेत्र की कंपनियां निवेश के लिए आकर्षित होंगी।ह्णह्ण प्रवक्ता ने यह संकेत दिया कि बाइडेन प्रशासन कृषि क्षेत्र में सुधार के भारत सरकार के कदम का समर्थन करता है जिससे निजी निवेश आकर्षित होगा और किसानों की बड़े बाजारों तक पहुंच बनेगी। भारत में चल रहे किसानों के प्रदर्शन पर एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका वार्ता के जरिए दोनों पक्षों के बीच मतभेदों के समाधान को बढ़ावा देता है।
प्रवक्ता ने कहा, ह्यह्यहम मानते हैं कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन किसी भी सफल लोकतंत्र की पहचान है और भारत के उच्चतम न्यायालय ने भी यही कहा है।ह्णह्ण इस बीच कई अमेरिकी सांसदों ने भारत में किसानों का समर्थन किया है। सांसद हेली स्टीवेंस ने कहा, ह्यह्यभारत में नए कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की खबर से चिंतित हूं।ह्णह्ण एक बयान में उन्होंने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधियों को सकारात्मक बातचीत के लिए प्रोत्साहित किया। अन्य सांसद इलहान उमर ने भी प्रदर्शनकारी किसानों के प्रति एकजुटता दिखायी।
किसानों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र अभी खतरे में है। सिख पॉलिटिकल एक्शन कमेटी के अध्यक्ष गुरिंदर सिंह खालसा ने एक अलग बयान में कहा कि ह्यह्यऐतिहासिक किसान आंदोलन भारत सरकार की पूंजीवादी व्यवस्था के खिलाफ सबसे बड़ी क्रांतिह्णह्ण बनने जा रहा है। हाल में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा था कि भारत के नए कृषि कानून में कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में ह्यह्यउल्लेखनीय कदमह्णह्ण उठाने की क्षमता है।

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