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खेती-किसानी…खरीफ की फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई

श्रीगंगानगर. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत खरीफ 2021 के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। जिले में कपास, ग्वार, धान, मूंग, मूंगफली, बाजरा, मोठ व तिल की फसलों को बीमा कराने के लिए अधिसूचित किया गया है।

कृषि उपनिदेशक जीआर मटोरिया ने बताया कि अधिसूचना के अनुसार ऋणी कृषकों की फसलों का अनिवार्यता के आधार पर फसल बीमा संबंधित बैंक की ओर से किया जाएगा। अंतिम तिथि तक ऋण लेने वाले सभी कृषकों का इस योजनान्तर्गत बीमा करना बैंकों के लिए अनिवार्य होगा। ऋणी कृषकों का प्रीमियम उनके ऋण खातों से वसूल किया जाएगा।

गैर ऋणी व बटाईदार कृषक अपनी फसलों का बीमा स्वैच्छिक आधार पर निकट के केन्द्रीय सहकारी बैंक/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/वाणिज्यिक बैंक की संस्थाओं एवं सीएससी के माध्यम से करवा सकेगें। गैर ऋणी कृषकों को स्वप्रमाणित जमाबंदी जिसमे खसरा नंबर में बोई गई फसल की नवीनतम जानकारी देना अनिवार्य होगा एवं स्वयं का घोषणा पत्र देना भी अनिवार्य होगा।

बीमा पत्र में गैर ऋणी कृषक को अपना आधार, भामाशाह, बैंक खाता संख्या मय शाखा का नाम व आईएफएससी कोड का उल्लेख करना अनिवार्य होगा। कपास की बीमित राशि 30360 रुपए प्रति हेक्टेयर कृषक हिस्सा राशि रुपए 1518, ग्वार की बीमित राशि 35167 रुपए प्रति हेक्टेयर कृषक हिस्सा राशि रुपए 703 रुपए, मूंग की बीमित राशि 46212 रुपए प्रति हेक्टेयर कृषक हिस्सा राशि रुपए 924 रुपए, धान की बीमित राशि 71295 रुपए प्रति हेक्टेयर कृषक हिस्सा राशि 1426 रुपए, बाजरा की बीमित राशि 28245 रुपए प्रति हेक्टेयर कृषक हिस्सा राशि 565 रुपए, मूंगफली की बीमित राशि 113865 रुपए प्रति हेक्टेयर कृषक हिस्सा राशि 2277 रुपए, मोठ की बीमित राशि 18336 रुपए प्रति हेक्टेयर कृषक हिस्सा राशि 367 रुपए व तिल की बीमित राशि 25983 रुपए प्रति हेक्टेयर कृषक हिस्सा राशि 520 रुपए है। कृषक हिस्सा राशि बीमित राशि का अधिकतम 2 प्रतिशत तथा उद्यानिकी एवं वाणिज्यिक फसलों के लिए अधिकतम 5 प्रतिशत ही कृषक की ओर से वहन किया जाएगा। शेष राशि 50-50 प्रतिशत के अनुपात में केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से देय होगी।

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