श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर महावीर प्रसाद वर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में भी उत्पन्न होने वाले ठोस व तरल वेस्ट का विधिवत निस्पादन किया जाये। उन्होंने कहा कि शहरों की तरह ही ग्रामीण क्षेत्र में भी कचरे की समस्या उत्पन्न हो रही है, जिसे इस मिशन के माध्यम से निस्तारण किया जायेगा। कलक्टर मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाहॉल में जिला स्वच्छता समिति की बैठक में आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में ठोस व तरल वेस्ट का निस्तारण करने के लिये जिले के चयनित खण्डों में प्रथम चरण में पांच-पांच गांव तथा दूसरे चरण में 15-15 गांवों का चयन किया गया। इस प्रकार जिले में 135 गांवों का चयन किया जाकर उनकी डीपीआर तैयार की गई है। बैठक में तैयार की गई डीपीआर का अनुमोदन किया गया।
श्री वर्मा ने बताया कि स्वच्छता कार्यक्रम के तहत चयनित गांवों में उपखण्ड स्तर की टीम ने गांवों में कार्यरत कार्मिकों के साथ सर्वें किया तथा गांवों में तरल व ठोस कचरे वाले स्थानों का चिन्हिकरण किया गया तथा इस समस्या का निदान कैसे होगा, की कार्ययोजना बनाई गई है। स्वच्छता समिति के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे स्थान चिन्हित किये गये है, जहां पर गंदा पानी एकत्रित होता है। कई घरों पर शोखता गड्ढ़ों का स्थान चिन्हित किया गया, जहां नाली मरम्मत योग्य है, उसकी मरम्मत के पश्चात गंदा पानी सामुदायिक गड्ढ़ों में एकत्रित किया जाकर निस्तारण होगा। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में जिले के 345 ग्राम पंचायतों में से जो शेष है, उनमें भी कार्य प्रारम्भ किया जाये। सभी ग्राम पंचायतों में नागरिकों को आवश्यकता के अनुरूप रोजगार सुलभ होना चाहिए। मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार मीणा ने बताया कि वर्तमान में 74 हजार श्रमिक लगे हुए है तथा जिन गांवों में कार्य प्रारम्भ नहीं है, वहां पर भी कार्य प्रारम्भ किये जायेंगे। बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार मीणा, पेयजल विभाग के अधीक्षण अभियंता बलराम शर्मा, विधुत के अधीक्षण अभियंता जे.एस. पन्नू, जल संसाधन के अधीक्षण अभियंता प्रदीप रूस्तगी सहित जिले के विकास अधिकारियों एवं जिला स्वच्छता समिति के सदस्यों ने भाग लिया।