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गांव मक्कासर की गोशाला में खुला बंदी शिविर स्वीकृत

  • गोशाला समिति ने मुख्य प्रहरी का किया अभिनंदन
    हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)।
    गांव मक्कासर की चौधरी हरीराम गोदारा गोशाला में खुला बंदी शिविर स्वीकृत हुआ है। इस खुला बंदी शिविर को दस सजायाफ्ता कैदी मिले हैं जो परिवार सहित रहकर गोसेवा कर अपनी शेष सजा पूरी करेंगे। गोशाला में खुला बंदी शिविर स्वीकृत करवाने में के प्रयास करने के लिए शुक्रवार को गोशाला समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों की ओर से जेल के मुख्य प्रहरी रायसिंह खालिया का अभिनंदन किया गया। गोशाला समिति पदाधिकारियों ने खालिया को साफा पहनाया और स्मृति चिह्न भेंट किया। इस मौके पर गांव के सुभाष गोदारा व साहबराम बेनीवाल सहित अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। गोशाला स्थित मंदिर के पुजारी रामेश्वर लाल के अनुसार गोशाला में मजदूरों के लम्बे समय तक न रूकने की समस्या का सामना करना पड़ रहा था। शहर के नजदीक होने व मजदूरी अधिक होने के कारण मजदूर शहर की तरफ चले जाते हैं। इन सबके बीच मुख्य प्रहरी रायसिंह खालिया के प्रयासों से गोशाला में खुला बंदी शिविर स्वीकृत हुआ है। खुला बंदी शिविर में रहने वाले कैदियों को मूलभूत सुविधाएं गोशाला समिति की ओर से उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्य प्रहरी रायसिंह खालिया ने बताया कि कारागार विभाग की ओर से हनुमानगढ़ जिले में कुल 11 खुला बंदी शिविर स्वीकृत हुए हैं। दो गोलूवाला, मक्कासर, टिब्बी, सोनड़ी, हनुमानगढ़ जंक्शन, हनुमानगढ़ टाउन व संगरिया में एक-एक खुला बंदी शिविर स्वीकृत हुआ है। प्रत्येक खुला बंदी शिविर को ऐसे दस-दस सजायाफ्ता कैदी दिए जाएंगे जिनकी नाममात्र की सजा शेष बची है। उन्हें समाज में पुर्नस्थापित करने के उद्देश्य से खुला बंदी शिविर में रखा जाता है ताकि वे गोसेवा कर अपनी शेष सजा पूरी कर सकें। उन्होंने बताया कि जिले की जिन 11 गोशालाओं में 11 खुला बंदी शिविर स्वीकृत हुए हैं, उनमें गांव मक्कासर की चौधरी हरीराम गोदारा गोशाला भी शामिल है। यह गांव का पहला खुला बंदी शिविर है। खुला बंदी शिविर में रहने वाले बंदी गोशाला में बंद गोवंश की सेवा करेंगे। बंदियों को परिवार के साथ रहने की सुविधा मिलेगी। उन्हें आवास, बिजली, पानी आदि मूलभूत सुविधाओं के साथ गोशाला की ओर से राज्य सरकार की न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाता है। इस मौके पर गोशाला समिति अध्यक्ष कृष्ण स्वामी, विजयपाल शर्मा, शंकर जैन, विजयपाल गोदारा, हंसराज गोदारा, अनिल भाम्भू, हर्ष गोदारा, रामदयाल लिम्बा, नरेन्द्र शर्मा, परसाराम भाम्भू आदि मौजूद थे।