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टोल नाकों पर रात-दिन धरना, कमरे भी तैयार

श्रीगंगानगर। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर निरंतर चल रहे आंदोलन के तहत श्रीगंगानगर-पदमपुर मार्ग पर टोल नाकों के पास रात-दिन लगातार धरना लगाने के लिए अस्थाई रूप से कमरों की व्यवस्था हो गई है। गर्मी और बरसात के मौसम को देखते हुए किसानों द्वारा इन दोनों टोल नाकों पर कमरों की व्यवस्था की जा रही थी। जिसमें एतराज होने पर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई। यह विवाद आज दोपहर प्रशासन पुलिस के अधिकारियों के साथ किसान प्रतिनिधियों की वार्ता में सुलझ गया।
संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल ग्रामीण मजदूर किसान समिति (जीकेएस) के संयोजक रणजीतसिंह राजू और प्रवक्ता सतवीरसिंह मोहनपुरा ने बताया कि पदमपुर मार्ग पर चक 9-ए और चक 18-बीबी के पास आंदोलन के तहत पहले दिन से ही निरंतर धरना दिया जा रहा है। धरने के कारण दोनों नाकों को टोल से मुक्त किया हुआ है। अब अत्याधिक गर्मी और आगे बरसाती मौसम को देखते हुए दोनों टोल नाकों पर रात दिन धरना देने वाले किसानों के लिए कमरों की व्यवस्था महसूस की जा रही थी। चक 18-बीबी के टोल नाका पर कमरे का इंतजाम हो गया। वहां किसी तरह का कोई विवाद नहीं हुआ और ना ही किसी ने एतराज किया। मगर चक 9-ए के पास एक सप्ताह पहले टोल नाका के आॅफिस के पास ही किसानों ने कमरा बनाने के लिए निर्माण सामग्री डाली गई तो किसी ने गुपचुप प्रशासन के समक्ष एतराज कर दिया। मौके पर आए प्रशासन, पुलिस और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने निर्माण को रुकवा दिया। जीकेएस ने इस पर ऐलान किया कि 15 जून को दोबारा कमरे का निर्माण शुरू किया जाएगा। अगर रोकने की कोशिश की गई तो आंदोलन आरंभ कर दिया जाएगा। इस घोषणा को देखते हुए आज सुबह सवेरे ही चक 9-ए के पास अत्यधिक संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया। सुबह करीब 8 बजे किसानों ने जुटना शुरू कर दिया। लगभग 10 बजे एसडीएम उम्मेदसिंह रत्नू, तहसीलदार संजय अग्रवाल डीएसपी (ग्रामीण) भंवरलाल मेघवाल,चूनावढ थाना प्रभारी परमेश्वर सुथार आदि अधिकारी भी पहुंच गए। इसी दौरान जीकेएस के संयोजक रणजीतसिंह राजू, प्रवक्ता संतवीरसिंह मोहनपुरा, जीकेएस के चूनावढ ब्लॉक अध्यक्ष रामकुमार सहारण, श्रीविजयनगर ब्लॉक अध्यक्ष राजा हेयर, श्रीगंगानगर ब्लॉक अध्यक्ष हरजिंदर मान, बॉबी बराड़, विनोद खीचड़ आदि काफी संख्या में किसान प्रतिनिधि भी पहुंच गए। लगभग 2 घंटे चली वार्ता में मामला सुलट गया। वार्ता के पश्चात संयोजक रणजीतसिंह राजू ने बताया कि नाके पास जहां कमरे का निर्माण शुरू किया गया था, वहां कमरा अब नहीं बनाया जाएगा क्योंकि प्रशासन ने टोल नाका का ठेका लेने वाली कंपनी द्वारा सड़क के पास बनाए कार्यालय व अन्य कमरों में से एक कमरा अस्थाई रूप से दिला दिया गया है।

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