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दंगाइयों को सख्त सजा दिलवाने की मांग

  • हरियाणा के नूंह की घटना के विरोध में राष्टÑपति के नाम सौंपा ज्ञापन
    हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)।
    विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने हरियाणा के नूंह में श्रद्धालुओं पर गोलियां और पत्थर बरसाने तथा आगजनी की घटना को अंजाम देने वाले उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने व पीड़ित श्रद्धालुओं को मुआवजा देने की मांग की है। इस संबंध में कार्यकर्ताओं ने बुधवार को प्रांत सह संयोजक आशीष पारीक के नेतृत्व में राष्टÑपति के नाम उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। प्रांत सह संयोजक आशीष पारीक ने हरियाणा के नूंह जिले में 31 जुलाई को हुई इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि हर वर्ष श्रावण के प्रत्येक सोमवार को मेवात में भगवान शंकर का आशीर्वाद लेने के लिए महाभारत कालीन पांच मंदिरों में श्रद्धालु जाते हैं। अब भी करीब 20-25 हजार लोग मेवात पहुंचे हुए थे। अभी यात्रा शुरू हुए 15 मिनट भी नहीं हुए थे कि उन पर उपद्रवियों ने गोलियां और पत्थर बरसाने तथा आगजनी शुरू कर दी। श्रद्धालुओं ने जब देखा कि परिस्थिति नियंत्रण से बाहर जा रही है तो पीछे हटने का प्रयास किया लेकिन पीछे से भी पत्थर बरस रहे थे। उन पर पेट्रोल बम फेंके गए। बहुत मुश्किल से कुछ लोगों को बचाकर नलहड़ महादेव मंदिर में वापस लाया गया। कुछ ही देर हुई थी कि उस मंदिर के सामने भी दंगाई आ गए। कारों, बसों और अन्य वाहनों को आग लगानी और जो सामने दिखा उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। दो लोगों को गोलियां लगी। लगभग सारे वाहन जला दिए व तोड़ दिए गए। पहाड़ियों पर चढ़कर तीनों तरफ से मंदिर में शरण लिए हुए महिलाओं, बच्चों और अन्य भक्तों पर गोलियां बरसाई गर्इं। इसमें एक भक्त की जान चली गई। कुछ अन्य लोगों को भी गोलियां लगी। बहुत मुश्किल से प्रशासन ने उन पर नियंत्रण किया। पारीक ने आरोप लगाया कि इस घटना के जिम्मेदार वे लोग हैं जो इन दंगाइयों को भड़काते हैं। उनके भड़काने के कारण से ही, रामनवमी व हनुमान जयंती पर हमले होते हैं। यह उचित नहीं है। यह आत्मघाती प्रवृत्ति है। यह दुष्कृत्य किसी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हिंदू धार्मिक यात्रा पर हुए इस क्रूर हमले के विरोध में बुधवार को सम्पूर्ण देश के सभी जिलों में धरने-प्रदर्शन कर जिहाद का पुतला जलाया जा रहा है। इस आतंकी हमले के कारण बजरंग दल के दो कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या हुई है और समाज के दो अन्य व्यक्ति भी बलिदान हुए हैं। उन्होंने मांग की कि मृतकों के परिवारों को मुआवजा के रूप में एक-एक करोड़ रुपया दिया जाए। जो घायल हुए हैं उनको 20 लाख रुपए तथा जिनकी गाड़ियां और बसें नष्ट हुई हैं उनको पूरी तरह क्षतिपूर्ति की जाए। पूरे मेवात क्षेत्र को सील कर कांबिंग कराई जाए और एक-एक जिहादी को पकड़कर सख्त से सख्त सजा दिलवाई जाए, तभी मेवात में चल रहे इस हिंदू विरोधी, राष्ट्र विरोधी आतंक को रोका जा सकता है। इस मौके पर मोहन चंगोई, कुलदीप नरूका, मधुसूदन, ओम सारस्वत, सतीर प्रभाकर, प्रकाश झा, विनोद सोनी, बजरंग सोलंकी, नरसीराम, रजत, रमेश स्वामी, पवन सोनी, निखिल भाटी, जोतराम, सीताराम, दलीप आदि मौजूद थे।