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नशे के विरुद्ध विद्यार्थियों को किया जागरूक

संकल्प फाउंडेशन का नशे के विरुद्ध अभियान जारी

हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)। संकल्प फाउंडेशन की ओर से शनिवार को जंक्शन की संस्कार इंटरनेशनल अकेडमी में नशा मुक्ति जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस उप अधीक्षक साइबर सेल अरुण शर्मा थे। अध्यक्षता संकल्प फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं विशिष्ट लोक अभियोजक दिनेश दाधीच ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पुलिस उप अधीक्षक अरुण शर्मा ने नशा करने वाले पदार्थों से शारीरिक, मानसिक दुष्प्रभाव की जानकारी देते हुए जागरूक किया। उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन में नशा सबसे भयंकर है जो चुपके से प्रवेश करता है और जीवन को नरक के समान बना देता है। उन्होंने विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने के लिए सचेत करते हुए कहा कि नशा मनुष्य के लिए किसी भी रूप में अच्छा नहीं है और यदि अच्छा होता तो सबसे पहले हमे मां खाने को देती। उन्होंने विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी देते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से हो रही ठगी के बारे में जागरूक करते हुए कहा कि जिस चीज की जानकारी न हो तो उसे बिल्कुल उपयोग में न लें। कोई लालच देकर आपके अकाउंट की सारी डिटेल लेकर आपके बैंक खाते को भी खाली कर सकता है। सोशल मीडिया पर की गई गलती के बड़े खामियाजे बच्चे या उनके माता-पिता को भी भुगतने पड़ते हैं। इसलिए अफवाहों की पोस्ट को वायरल न करें ताकि सोशल मीडिया की ठगी का शिकार न हों। संस्था अध्यक्ष एवं विशिष्ट लोक अभियोजक दिनेश दाधीच ने कहा कि नशा ही सभी बुराइयों की जड़ है। इससे युवा पीढ़ी को दूर रखना होगा। उन्होंने कहा कि आज के बच्चे कल के देश का भविष्य हैं। वर्तमान में कोरोना काल के बाद बच्चे मोबाइल फोन से अधिक जुड़े हैं। इसके अच्छे परिणाम कम व दुष्परिणाम ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल भी एक तरह का नशा है। मोबाइल फोन के कारण बच्चे सोशल मीडिया के माध्यम से गलत संगत में पड़ते हैं। इस कारण अनेकों तरह की धोखाधड़ी बच्चों के साथ आए दिन हो रही है। उन्होंने बच्चों को एकाग्र रहते हुए शिक्षा व खेलों से जुड़ने का आह्वान किया। संकल्प फाउंडेशन के सचिव बाल कल्याण समिति सदस्य विजय सिंह चौहान ने बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक नशेड़ी व्यक्ति मौत की ढलान पर खड़ा होता है और उसकी संगति करना मौत की तरफ बढ़ना है। नशा एक धीमा जहर है और यह हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे खत्म कर देता है और व्यक्ति मौत के करीब पहुंच जाता है। बच्चों को कभी भी नशे की आदत नहीं डालनी चाहिए और हमेशा पढ़ाई की तरफ ही ध्यान देना चाहिए।