लखीमपुर खीरी के निघासन थाना क्षेत्र में अनुसूचित जाति की दो सगी बहनों की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में एडीजे पॉक्सो की अदालत ने 10 महीने 27 दिन तक चली सुनवाई के बाद अपना फैसला सुना दिया है। फैसले में चारों आरोपी दोषी पाए गए हैं। इस प्रक्रिया के दौरान परिजन समेत 15 लोगों की गवाही हुई, 24 दस्तावेजी साक्ष्य सौंपे गए साथ ही 40 वस्तु जनित साक्ष्य सौंपे गए। दोनों बहनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, आयु प्रमाणपत्र, कपड़ों को बतौर साक्ष्य शामिल किया गया। अदालत ने 126 पेज में दोषियों के गुनाह तय किए हैं।
अदालत में मृतक दोनों बहनों की मां की गवाही अहम रही। मां ने अभियुक्तों को पहचानते हुए अदालत में बताया था कि उनकी आंखों के सामने ही दबंग उनकी बेटी को खींच ले गए थे। इसके अलावा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मृतक बहनों के शरीर पर चोटें मिलना व गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई। एफएसएल रिपोर्ट में अभियुक्त का पॉजिटिव आना भी दोष सिद्धि का बड़ा कारण बना। परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की भी अहम भूमिका रही।
