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न्यू स्टडी:मां ही नहीं, पिता के खानपान-जीवनशैली का असर भी गर्भ में पल रहे शिशु पर होता है, इसमें सुधार कर बच्चे को अच्छी सेहत दे सकते हैं

अब तक यह मान्यता रही है कि गर्भावस्था के दौरान मां के खानपान और सक्रिय रहने से बच्चे की सेहत पर अच्छा असर पड़ता है। शोध भी इसी बात पर बल देते रहे हैं। पर नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि मां ही नहीं पिता के खानपान, एक्सरसाइज की आदतों और जीवन शैली का प्रभाव भी बच्चे पर पड़ता है। वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन और अन्य संस्थानों की ताजा स्टडी में कहा गया है कि जो दंपती पैरेंट्स बनने जा रहे हैं उनकी खानपान की आदतें, जीवनशैली और जेनेटिक्स जन्म लेने वाले बच्चे की अच्छी सेहत तय कर सकती हैं।

पिता का फिजिकली एक्टिव रहना भी जरूरी

शोधकर्ताओं के मुताबिक गर्भ में शिशु के आने से पहले जो माता-पिता वसा युक्त खाना ज्यादा खाते हैं, उनके बच्चों में मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याओं का जोखिम उच्च होता है। पर यदि माएं गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज करती हैं तो यह जोखिम पूरी तरह खत्म हो सकता है। यहां पर इस बात पर जोर दिया गया है कि पिता को भी फिजिकली एक्टिव रहना जरूरी है, क्योंकि पेरेंट्स की जेनेटिक विरासत बच्चों में विभिन्न जैविक रास्तों के जरिए पहुंचती है। आगे चलकर यही इनकी अच्छी सेहत का आधार बनती है। इसके अलावा मां सक्रिय रहती हैं तो वे खुद के साथ पिता की खान-पान की बुरी आदतों का असर बच्चे पर पड़ने से रोक सकती हैं।

पेरेंट्स की ही आदतों को अपनाते हैं बच्चे

स्टडी में कहा गया है कि गर्भावस्था से पहले मां या पिता को डायबिटीज,मोटापा या इंसुलिन प्रतिरोधकता है, तो बच्चे के वयस्क होने पर उसे भी ऐसी समस्याएं होने की संभावना रहेगी। शोधकर्ताओं का कहना है कि बच्चे अपने पेरेंट्स की ही खानपान और एक्सरसाइज की आदतों को अपनाते हैं। इसलिए यह बहुत कुछ पैरेंट्स पर निर्भर है कि वे बच्चों को कितना सेहतमंद भविष्य देते हैं।

चूहों पर हुई इस स्टडी में एक समूह को वसायुक्त खाना और आराम दिया गया, वहीं दूसरे समूह को सामान्य खाना और अनुशासित रूटीन में रखा गया। पहले वाले समूह की संतानों में वयस्क होने पर मेटाबॉलिज्म, वजन को लेकर समस्याएं दिखीं। जबकि दूसरे समूह की संतानें पूरी तरह फिट और सामान्य सेहत वाली रहीं।

शिशु के जन्म और उससे पहले फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ावा देना जरूरी

वर्जीनिया स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉ. झेन यान के मुताबिक स्टडी के नतीजों से स्पष्ट है कि गर्भावस्था के पहले और इसके दौरान माता और पिता दोनों की फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ावा देना जरूरी है। इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। खास बात यह है कि अब तक पिता की जीवनशैली को इससे जोड़कर नहीं देखा गया था, जबकि बच्चे की सेहत के लिए यह महत्वपूर्ण है।

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