जयपुर
प्रदेश में गहलोत सरकार द्वारा बार-बार चेताया जा रहा है कि कोरोना का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। सिर्फ केस कम हुए है। संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए गृह विभाग द्वारा जारी अनलॉक 3.0 में भी पूरे प्रदेश में रैली, धरने प्रदर्शन और जुलूस-सभाओं पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके बावजूद राजनीतिक पार्टियां और उनके कार्यकर्ता अपने राजनीतिक फायदों के लिए इन आदेशों की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। खास बात है कि प्रशासन भी कई बार इनको नजर अंदाज कर देता है।
एमआई रोड से शुरु रैली चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार, बड़ी चौपड़ से चांदी की टकसाल तक निकली
गुरुवार को ऐसे ही एक राजनीतिक रैली हवामहल विधानसभा क्षेत्र से विधायक और कांग्रेस सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी के समर्थन में जयपुर शहर के परकोटे में मुख्य बाजारों से निकाली गई। यह रैली एमआई रोड पर सुबह करीब साढ़े आठ बजे शुरू हुई। जो कि न्यू गेट, चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार, बड़ी चौपड़, हवामहल बाजार से होकर चांदी की टकसाल स्थित काला हनुमान मंदिर के पास जाकर समाप्त हुई।

गृह विभाग के आदेशों में प्रतिबंध के बावजूद भी जयपुर के परकोटे में निकाली गई रैली
इस रैली में सैंकड़ों की संख्या में भीड़ शामिल हुई। लेकिन नारेबाजी का जोश इस कदर था कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करना ही भूल गए। रैली में चल रहे ज्यादातर चेहरों पर मास्क ही नहीं लगा हुआ था। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन तो बहुत दूर की बात है। रैली में पुलिस भी कानून व्यवस्था के लिहाज से साथ चली, लेकिन नियमों की बात सिर्फ अपील तक सीमित रही।
फोन टेपिंग केस में महेश जोशी को दिल्ली पुलिस का नोटिस मिलने से नाराज है कांग्रेसी कार्यकर्ता
दरअसल, राजस्थान में फोन टेपिंग प्रकरण में गजेंद्र सिंह की तरफ से दर्ज करवाए गए मुकदमे में पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ने मुख्य सचेतक महेश जोशी को नोटिस भेजकर बयान देने के लिए दिल्ली बुलाया था। इसके बाद राजनीतिक सरगर्मियां और आरोप प्रत्यारोप तेज हो गए थे। महेश जोशी के समर्थकों ने उनके समर्थन में विरोध प्रदर्शन करना शुरु कर दिया।
बता दें कि इससे पहले भी 1 जुलाई को पार्षद का चुनाव लड़ चुके युवा कांग्रेस नेता मित्रोदय गांधी की अगुवाई में बड़ी चौपड़ पर जोशी के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया गया था। जिसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के खिलाफ नारेबाजी की गई, लेकिन सात दिन बाद फिर से गुरुवार को बड़ी रैली निकाली गई। हाल ही में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने कहा था- गजेंद्र सिंह हो या निंबाराम, जो भी दोषी है उसे सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा। वहीं पिछले दिनों गजेंद्र सिंह शेखावत कह चुके हैं कि वे मांगे जाने पर वॉयस सैंपल देने को तैयार हैं।

रैली में कार्यकर्ताओं के चेहरे पर मास्क कुछ ऐसे लगे थे, सोशल डिस्टेंसिंग की भी पालना नहीं
एक दिन पहले ही कोर्ट ने गजेंद्र सिंह और संजय जैन के वॉइस सैंपल लेने की अनुमति दी
फोन टेपिंग केस में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह की बातचीत के वायरल ऑडियो की आवाज को मिलाने के लिए एसीबी को उनके वॉइस सैंपल लेने की कोर्ट से मंजूरी मिल गई है। चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जयपुर सैकंड ने एक दिन पहले ही गजेंद्र सिंह और संजय जैन की वॉइस सैंपल लेने की एसीबी को अनुमति दी। एसीबी ने कोर्ट में पिछले साल ऑडियो की जांच के लिए गजेंद्र सिंह और संजय जैन के वॉयस सैंपल लेने की जरूरत बताई थी।
पिछले साल सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे तीन ऑडियो
पिछले साल जुलाई में तीन ऑडियो क्लिप वायरल हुई थीं, जिसमें विधायकों की खरीद फरोख्त का दावा करते हुए सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एसओजी में केस दर्ज करवाए थे। एफआईआर में दावा किया गया था कि वायरल ऑडिया में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह और कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के बीच बातचीत है, जिसमें वे विधायकों खरीद फरोख्त की बातें कर रहे थे। इनमें एसओजी ने मामले में एफआर लगा दी थी। जबकि एसीबी में दर्ज केस में जांच जारी है।
