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बहला फुसलाकर दुराचार करने के आरोपितों को कारावास

श्रीगंगानगर (सीमा सन्देश)। नाबालिग को बहला फुसला कर अपने साथ ले जाकर उसके साथ दुराचार करने के आरोपित को न्यायालय ने दोषी ठहराते हुए कारावास और जुर्माने से दण्डित किया है। यह निर्णय पोक्सो न्यायालय द्वितीय के न्यायाधीश अरूण कुमार अग्रवाल ने सुनाया।
न्यायालय की विशिष्ट लोक अभियोजक नवप्रीत कौर ने बताया कि 28 अप्रेल 2018 को पीड़िता के नाना ने घमुड़वाली थाना में परिवाद पेश किया। इसमें बताया कि 25 अप्रेल को नाबालिग दोहिती अपने माता-पिता के साथ घर आई हुई थी। रात को सब खाना खाकर सो गए। नाबालिग भी परिवार के अन्य सदस्यों के साथ आंगन में सोई हुई थी। सुबह जब परिवार के लोग उठे तो नाबालिग अपनी चारपाई पर नहीं थी। आस-पास तलाश की तो वह नहीं मिली।
शक है कि सुनील उर्फ शेरा उसे बहला फुसलाकर घर से कहीं भगा कर ले गया। पुलिस ने परिवाद के आधार पर मुकद्दमा दर्ज कर जांच शुरू की। दौराने जांच पुलिस ने नाबालिग को दस्तयाब कर आरोपित शेरा सहित उसका सहयोग करने वालों को गिरफ्तार किया। नाबालिग को दस्तयाब कर उसका मेडिकल करवाया। जिसमें उसके साथ दुराचार करने की पुष्टि होने पर मुकद्दमें में अन्य धाराएं जोड़ सक्षम न्यायालय में चालान पेश किया गया।
विशिष्ट लोक अभियोजक श्रीमती कौर ने बताया कि न्यायालय ने प्रकरण की चली सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 20 गवाह और 21 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए। जिनके आधार पर न्यायालय ने आरोपित सुनील उर्फ शेरा पुत्र गुगनराम निवासी घमुड़वाली थाना क्षेत्र को धारा 366 में दोषी मानते हुए 5 साल कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माने व धारा 376(2)(एन) में 10 वर्ष कठोर कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। जुर्माना नहीं देने की स्थिति में मुलजिम को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं साथ चलेगी। न्यायालय ने शेरा का सहयोग करने वाले आरोपितों को सन्देह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।