मुंबई
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और मैन्युफैक्चरिंग लागत बढ़ने से थोक महंगाई दर रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई है। कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के मुताबिक थोक महंगाई दर मई में 12.94% पर पहुंच गई है। यह मई 2020 में -3.37% रही थी। मंत्रालय ने सोमवार को मई में थोक महंगाई के आंकड़े जारी किए। रिटेल महंगाई के आंकडे़ भी आज ही जारी होंगे।
5वें महीने बढ़ी थोक महंगाई
होल सेल प्राइस इंडेक्स (WPI) आधारित महंगाई दर लगातार 5वें महीने मई में चढ़ी है। इससे पहले अप्रैल में भी दर 10.49% पर रही थी। सरकार की ओर से जारी थोक महंगाई में कहा गया कि क्रूड पेट्रोलियम, मिनरल ऑयल के चलते महंगाई बढ़ी है। क्योंकि इससे पेट्रोल, डीजल, नेप्था और मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स महंगे हुए। नतीजतन, पिछले साल की समान अवधि की तुलना में इस साल मई में महंगाई तेजी से बढ़ी।
MSME सेक्टर पर बुरा असर
PHD के प्रेसिडेंट संजय अग्रवाल के मुताबिक महामारी के इस बुरे दौर में कंपनियों को प्रोडक्शन पर ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। इससे प्रोडक्ट्स भी महंगे हो रहे हैं। नतीजतन, मई में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स 10.83% महंगे हुए हैं। सेक्टर वाइज बात करें तो MSME सेक्टर पर सबसे बुरा असर पड़ा है। क्योंकि कमोडिटीज की बढ़ती कीमतों से सप्लाई चेन पर भी बुरा असर पड़ा है।
फ्यूल और पावर बास्केट में मई के दौरान महंगाई 37.61% बढ़ी है, जो अप्रैल में 20.94% बढ़ी थी। वहीं, मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स भी मई में 10.83% महंगे हुए हैं। हालांकि, फूड आर्टिकल में महंगाई से राहत मिली है। मई में ये 4.31% सस्ते हुए हैं, जबकि प्याज के दाम बढ़े हैं। प्याज के दाम 23.24% बढ़े हैं।
