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रक्तदान शिविर में 95 यूनिट रक्त संग्रहित

  • रक्तदाताओं को राजस्थानी भाषा में ‘बड़ाई पत्र’ प्रदान कर किया सम्मानित
    हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)।
    स्वर्णकार संस्था पीलीबंगा ग्रामीण की ओर से रविवार को 5वें स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन पीलीबंगा की अग्रवाल धर्मशाला में किया गया। शिविर में तपोवन ब्लड बैंक श्रीगंगानगर की टीम ने 95 यूनिट रक्त संग्रहित किया। मुख्य अतिथि उपखंड अधिकारी संजना जोशी ने रक्तदाताओं को राजस्थानी भाषा में लिखे हुए प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने संस्था की ओर से किए जा रहे सामाजिक कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने रक्तदान शिविर में पहुंची हुई महिलाओं को देखकर खुशी व्यक्त की। संस्था प्रवक्ता पवन जोड़ा ने बताया कि उन्होंने अपनी दुकान के बैनर, पोस्टर, विजिटिंग कार्ड, बटुए आदि राजस्थानी में छपवा रखे हैं। राजस्थानी को व्यवहार की भाषा बनाकर पहले खुद मान्यता देनी होगी। राजस्थानी भाषा के कारण समाज में उनकी एक खास पहचान बनी है। राजस्थानी भाषा को यदि मान्यता मिलेगी तो हम सब को प्यार, पैसा और पहचान दिलाएगी। संस्था अध्यक्ष राजेंद्र सोनी जांगलवा ने बताया कि राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए इस शिविर के निमंत्रण पत्र से लेकर प्रशस्ति पत्र राजस्थानी भाषा में छपवाकर प्रचार किया गया। संस्था की इस पहल का ग्रामीणों ने भी खूब स्वागत किया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि संस्था अपने सभी आगामी कार्यक्रमों में प्रचार सामग्री राजस्थानी भाषा में ही छपवाएगी। संस्था का प्रत्येक सदस्य अपने स्तर पर भी राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए काम करेगा ताकि हमारी गौरवशाली भाषा, संस्कार और संस्कृति को आगे बढ़ाया जा सके। युवाओं को राजस्थान की नौकरियों में ज्यादा अवसर मिलेंगे इसलिए इस आंदोलन में युवाओं की भूमिका बहुत बड़ी होनी चाहिए। आपणो राजस्थान आपणी राजस्थानी अभियान के संयोजक हरीश हैरी का संस्था का सहयोग करने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्था राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए कंधे से कंधा मिलाकर साथ देगी। शिविर के दौरान रक्तदाता ठेठ राजस्थानी भाषा में छपे प्रशस्ति पत्र को गौर से पढ़ते नजर आए। पवन जोड़ा तपोवन ब्लड बैंक की टीम का आभार व्यक्त करने लगे तो डॉ. विनोद ने कहा कि ये काम भी राजस्थानी में होना चाहिए, इससे अपणायत महसूस होती है। इस मौके पर मोहन जोड़ा, मनोज कड़ोल, जयपाल सोनी, साहबराम सोनी, साहिल सोनी, पवन सोनी, मनोज मौसुण, रवि धुपड़, जयकिशन सोनी, मनोज धूपड़, राजेश मौसुण, भीमराज सोनी, गौरीशंकर डांवर, सुरेंद्र डांवर, विनोद डांवर, राजू सोनी, बबलू सोनी, रवि कायल, कालूराम सोनी, राजेश सोनी आदि मौजूद रहे।