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राजस्थान टॉप पर:प्रधानमंत्री आवास योजना में राजस्थान के केवल 2 जिले पीछे, बाकी सभी जिले देश के टॉप 100 जिलों में शामिल

मुंबई

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) में प्रदर्शन के मामले में दो जिलों को छोड़कर राजस्थान के सभी जिले देश के टॉप 100 जिलों में शामिल हैं। इसके अलावा, राजस्थान के 6 जिले टॉप 10 जिलों में शामिल हैं। 14 जिले टॉप 25 में और 22 जिले देश के टॉप 50 में शामिल हैं।

टोंक और सिरोही रह गए पीछे

ग्रामीण विकास विभाग से प्राप्त आंकड़ों में कहा गया है कि केवल टोंक (109 रैंक) और सिरोही (156 रैंक) PMAY-G के तहत प्रदर्शन के मामले में देश के शीर्ष 100 जिलों में शामिल नहीं हो सके। प्रदेश के जो 6 जिले टॉप 10 में शामिल हैं उनमें डूंगरपुर (दूसरे), नागौर (तीसरे), भरतपुर (पांचवें), झुंझुनू (छठे), बीकानेर (आठवें) और उदयपुर (नौवें) शामिल हैं।

राज्य में कुल 33 जिले हैं

ऐसा पहली बार हुआ है कि राज्य के 33 जिलों में से 31 देश के टॉप 100 जिलों में शामिल हुए हैं। एक अधिकारी ने कहा कि इससे साबित होता है कि वित्तीय संकट के बावजूद जमीनी स्तर पर काम की लगातार प्रगति हो रही है। इस बीच, 682.07 करोड़ रुपए (वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए) जारी करने को लेकर राज्य सरकार और केंद्र के बीच तकरार जारी है। इसके बावजूद राज्य के खजाने ने इस योजना के तहत लाभार्थियों को भुगतान के लिए 150 करोड़ रुपए जारी किया है।

3.90 लाख घरों के लक्ष्य पर हो रहा है काम

ग्रामीण विकास विभाग के सचिव कृष्णकांत पाठक ने कहा कि हम 3.90 लाख घरों (2021-22 के लिए) के नये लक्ष्य पर काम कर रहे है। योजना के तहत चुने जाने वाले लाभार्थियों के नाम छांटकर उनके नाम चुने जाएंगे, जिनके लिए यह जरूरी है। यही नहीं, इस बार PMAY-G के तहत हर घर को न्यूट्री गार्डन से जोड़ने के लिए नई पहल की गई है और इसे मनरेगा से लिंक कर दिया जाएगा। साथ ही उज्ज्वला योजना और बिजली कनेक्शन के तहत PMAY लाभार्थियों को दिए जाने वाले लाभों से संबंधित जानकारी पोर्टल पर डाली जाएगी।

687 करोड रुपए लंबित है

इससे पहले यह बताया गया था कि राज्य और केंद्र के बीच पिछले साल दिसंबर से लंबित 682.07 करोड़ रुपए (वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए) की राशि जारी करने में देरी को लेकर तकरार हो रही थी। इस बीच इस योजना के तहत 76,764 लाभार्थियों की दूसरी और तीसरी किस्त का पेमेंट नहीं किया गया है। इससे कुल 425.27 करोड़ रुपए की देनदारी हो गई है। राज्य के मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने पिछले महीने में केंद्र को पत्र लिखकर PMAY-G के तहत वर्ष 2020-21 में मंजूर मकान बनाने के लिए अपने हिस्से के 682.07 करोड़ रुपए जारी करने की अपील की थी।

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