श्रीगंगानगर। भ्रष्टाचार निरोधक मामलों की विशेष अदालत ने रिश्वत मांगने के आरोपी एक भू-अभिलेख निरीक्षक (गिरदावर)के हाजिर नहीं होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। एसीबी सूत्रों के मुताबिक भू-अभिलेख निरीक्षक ओमप्रकाश काफी समय से फरार है। उसे निलंबित किया जा चुका है। हाईकोर्ट द्वारा उसकी अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई है। एसीबी सूत्रों ने आज बताया कि ब्यूरो की हनुमानगढ़ में स्थित चौकी में सुखदेवसिंह नामक शख्स ने 17 अक्टूबर 2019 को परिवाद पेश किया था। सुखदेव सिंह ने बताया कि उसके पिता के नाम से चक 1- टीएलडब्ल्यू(एक) में कृषि भूमि है,जिसका विरासतन इंतकाल हल्का पटवारी द्वारा दर्ज किए जाने के बावजूद तलवाड़ा झील हल्के का भू-अभिलेख निरीक्षक ओमप्रकाश निवासी गली नंबर 3 सूर्यनगर हनुमानगढ़ टाउन द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही है। इस परिवाद पर हनुमानगढ़ चौकी के तत्कालीन प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणेशनाथ द्वारा जांच की गई, जिसमें चार हजार की रिश्वत मांगे जाने का सत्यापन हो गया हो गया। एसीबी सूत्रों के अनुसार रिश्वत मांगने का सत्यापन तो हो गया, लेकिन भू-अभिलेख निरीक्षक को यह राशि लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा नहीं जा सका। संभवत उसे पकड़े जाने की भनक लग गई थी। उसके द्वारा रिश्वत की मांग करना प्रमाणित पाए जाने पर ब्यूरो ने विधिवत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। इसी बीच हनुमानगढ़ के जिला कलेक्टर ने ओमप्रकाश पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत लगे आरोपों की प्रमाणिकता को देखते हुए उसे निलंबित कर दिया।उसके विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति भी प्रदान कर दी। एसीबी सूत्रों के अनुसार निलंबन के बाद से ओमप्रकाश गायब हो गया।वह लगातार गैर हाजिर है। टिब्बी के तहसीलदार को निर्देश दिए गए थे कि ओमप्रकाश को ब्यूरो के समक्ष हाजिर करवाया जाए लेकिन वह गायब ही रहा। इसी दौरान अग्रिम जमानत के लिए ओमप्रकाश ने जोधपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी गई। इस प्रकरण के अनुसंधान अधिकारी एसीबी की श्रीगंगानगर एक चौकी के प्रभारी डीएसपी वेदप्रकाश लखोटिया ने बताया कि ओमप्रकाश के लगातार गायब और फरार रहने पर एसीबी अदालत ने अब उसकी गिरफ्तारी के वारंट जारी किए हैं। अब अगर वह उपस्थित नहीं हुआ तो उसे भगोड़ा घोषित करवाने तथा उसकी संपत्ति कुर्क करने की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
