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वोट बैंक का बहीखाता होते थे पिछली सरकारों के बजट : मोदी

गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2021-22 के आम बजट को देश के सामने खड़ी चुनौतियों के समाधान को नई तेजी देने वाला करार देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने बजट को वोट बैंक के हिसाब-किताब का बहीखाता और कोरी घोषणाओं का माध्यम बना दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने चौरी-चौरा शताब्दी समारोह का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा, कोरोना काल में देश के सामने जो चुनौतियां सामने आई उनके समाधान को यह बजट नई तेजी देगा। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा, ह्यदशकों से हमारे देश में बजट का मतलब बस इतना ही रह गया था कि किसके नाम पर क्या घोषणा कर दी गई। बजट को वोट बैंक के हिसाब किताब का बहीखाता बना दिया गया था। मोदी ने यह भी आरोप लगाया, ह्यपहले की सरकारों ने बजट को ऐसी घोषणाओं का माध्यम बना दिया था जो वह पूरी ही नहीं कर पाती थीं। मगर अब देश ने वह सोच बदल दी है, अप्रोच बदल दी है। प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा पिछले दिनों संसद में पेश बजट को देश को तरक्की के रास्ते पर लाने के भगीरथ प्रयासों’ से जोड़ते हुए कहा, इन भगीरथ प्रयासों की एक झलक हमें इस बार के बजट में भी दिखाई देती है। कोरोना काल में देश के सामने जो चुनौतियां आई उनके समाधान को यह बजट नई तेजी देने वाला है।
हमारे देश की प्रगति का सबसे बड़ा आधार हमारा किसान
प्रधानमंत्री ने किसानों का जिक्र करते हुए कहा हमारे देश की प्रगति का सबसे बड़ा आधार हमारा किसान भी रहा है। चौरी चौरा के संग्राम में तो किसानों की बहुत बड़ी भूमिका थी। किसान आगे बढ़ें और आत्मनिर्भर बनें, इसके लिए पिछले 6 सालों में किसानों के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं इसका परिणाम देश ने कोरोना काल में देखा भी है।’ उन्होंने कहा, ह्यहमारा किसान अगर और सशक्त होगा तो कृषि क्षेत्र में प्रगति और तेज होगी। इसके लिए इस बजट में कई कदम उठाए गए हैं। मंडियां किसानों के फायदे का बाजार बनें, इसके लिए 1000 और मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा। यानी मंडी में जब किसान अपनी फसल बेचने जाएगा तो उसे और आसानी हो जाएगी। वह अपने फसल कहीं भी बेच सकेगा। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड को बढ़ाकर 40000 करोड़ रुपए कर दिया गया है। इसका भी सीधा लाभ किसानों को होगा। ये सब फैसले हमारे किसान को आत्मनिर्भर बनाएंगे, खेती को लाभकर बनाएंगे।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा कि चौरी चौरा की इस घटना ने देश के स्वाधीनता आंदोलन को एक नई दिशा भी दी थी। चौरी चौरा के इस शताब्दी महोत्सव को ध्यान में रखते हुए आज प्रदेश के सभी शहीद स्मारकों और शहीद स्थलों पर 1857 से लेकर 1947 के बीच और देश की स्वाधीनता के बाद भी विभिन्न युद्धों में देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए भारत माता के जो भी सपूत शहीद हुए हैं, उन सभी को याद करने और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए आज प्रदेश सरकार द्वारा पूरे राज्य में वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों की श्रंखला में इस तरह के आयोजन शुरू हो रहे हैं।

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