हनुमानगढ़. चिकित्सालयों में बढ़ती मारपीट आदि की घटनाओं के विरोध में तथा चिकित्सक सुरक्षा को लेकर सख्त कानून बनाने की मांग को लेकर शुक्रवार को आईएमए व राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के बैनर तले रोष जताया गया। सरकारी व निजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने सुबह 8 से 10 बजे तक दो घंटे ओपीडी कार्य का बहिष्कार किया। इसके बाद काली पट्टी बांधकर ड्यूटी करते हुए विरोध दर्ज कराया। आईएमए के देशव्यापी आह्वान पर चिकित्सा व चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा के मुद्दे को लेकर विरोध दिवस मनाया गया। कोरोना काल में चिकित्सक एवं पैरा मेडिकल स्टाफ संक्रमण के एकदम नजदीक रहकर जनता की सेवा कर रहे हैं। इसके बावजूद अस्पतालों में हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। इन घटनाओं को रोकने के लिए केन्द्र सरकार सख्त कानून बनाए ताकि चिकित्सकों सहित अन्य चिकित्साकर्मी भयमुक्त होकर सेवा कार्य कर सके। आईएमए जिलाध्यक्ष डॉ. निशांत बतरा ने बताया कि अस्पतालों में मारपीट व तोडफ़ोड़ के दोषियों के लिए दस साल कारावास व जुर्माने की सजा का प्रावधान किया जाए। महामारी में जनता का इलाज करते हुए जान गंवाने वाले चिकित्सकों पर हाल ही बाबा रामदेव ने अपमानजनक टिप्पणी कर उनका मजाक उड़ाया। साथ ही कोविड टीकाकरण को लेकर जनता को भ्रमित किया। अत: उनके खिलाफ एपिडेमिक डिजीज एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए। सरकार इस पर जल्द ध्यान दे।
