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देखिए CM साहब भी भूल जाते हैं:रेड अलर्ट जनअनुशासन पखवाड़े का नाम भूल गए थे, सोशल मीडिया यूजर्स बोले- इतने लंबे नाम रखते ही क्यों हैं अफसर?

जयपुर

प्रदेश में 3 से 17 मई तक लगाए गए लॉकडाउन को सरकार ने इस बार ‘रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़ा’ नाम दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस बार के लॉकडाउन का नाम भूल गए। मुख्यमंत्री का नाम भूलने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। लाखों लोग वीडियो देख चुके हैं। सोशल मीडिया यूजर्स इस पर रोचक कमेंट भी कर रहे हैं। एक यूजर ने तो लिखा है- कोई बात नहीं, राजस्थान बहुत समझदार है CM साहब; हम इशारों में ही समझ गए। वीडियो 3 मई का है। मुख्यमंत्री कांग्रेस के मजूदर संगठन इंटक के स्थापना दिवस के वर्चुअल समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान गहलोत ने राजस्थान में कोरोना से बने हालात का जिक्र करते हुए लोगों से लॉकडाउन की तरह ही बिहेव करने को कहा था। जब गहलोत पाबंदियों का जिक्र कर रहे थे,उसी वक्त ‘ रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़े’ मेें लोगों से घर पर रहने की अपील की, लेकिन वे इसका नाम भूल गए।

गहलोत बोले थे- इसका नाम भूल गया मैं
इंटक के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा था- 3 मई से हमने 15 दिन का लॉकडाउन लगाया है, लॉकडाउन की तरह ही है यह। इसका नाम दिया है हमने…., जन अनुशासन पखवाड़ा
तो था पहले, इस हमने और जोड़ दिया है… नाम भूल गया मैं… हमने इस प्रकार किया है कि लोग दो टूक समझ जाएं, वैसे ही बिहेव करें कि आप लॉकडाउन में ही हैं।

कुछ देर बाद सहयोगी ने पर्ची लाकर दी

गहलोत ने इंटक के वर्चुअल समारोह में 3 मई को करीब 36 मिनट भाषण दिया था। कार्यक्रम में प्रभारी अजय माकन, श्रम मंत्री टीकाराम जुली और इंटक के पदाधिकारी भी वीसी से जुड़े हुए थे। गहलोत जब रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़े का नाम भूल गए तो करीब डेढ़ मिनट बाद उन्हें एक स्लिप पर लिखकर नाम दिया गया। उस स्लिप को देख सीएम ने कहा कि इस बार इसका नाम ‘रेड अलर्ट जनअनुशासन पखवाड़ा’ रखा है।

लाखों लोग देख चुके वीडियो
गहलोत के रेड अलर्ट जन अनुशासन का नाम भूलने से जुड़ा वीडियो क्लिप अलग-अलग वायरल हो रहा है। हर वीडियो लाखों में देखा जा रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स रोचक कमेंट भी कर रहे हैं। यूट्यूब पर वायरल वीडियो पर रीतेश विश्वकर्मा नाम के यूजर ने कमेंट किया-अब सोचिए आप इतना सा नाम एक घंटे याद नहीं रख सके। हम यह सोचकर तैयारी करते हैं कि तीन महीने में एग्जाम हो जाएगा और वह तीन साल तक नहीं होता, हम कितना याद रखें साहब।

सचिन खटीक ने लिखा- राजस्थान में गहलोतजी ने क्या लगाया है, वो खुद लगाकर भूल गए हैं। याद आएगा तब देखेंगे, तब तक आप सभी अपने घरों में रहें।

जोरावर चौधरी ने लिखा- सीएम साहब कांड कर दिया तभी तो पेपर नहीं हो पा रहे हैं। आप भूल ही जाते हैं कि हमने स्टूडेंट्स के पैसे अपनी जेब में रख लिए हैं। वाह सरजी मौज कर दी आपने। एसएम शिवा ने लिखा- तभी तो सोच रहा हूं भर्तियां क्यों नहीं हो रहीं। इन्हें तो भूलने की बीमारी है। कई यूजर्स ने लिखा- भूल मानवीय स्वभाव है। कोई बात नहीं राजस्थान बहुत समझदार है सीएम साहब, हम इशारों में ही समझ गए।

मानवीय भूल है, कोरोना पर नियंत्रण बेहतर

वायरल वीडियो के बाद अशोक गहलोत के पक्ष में एक बड़ा वर्ग भी आ गया है। वीडियो के वायरल करने की आलोचना की है। इनमें सोशल मीडिया पर सूरज माथुुर, मनीष गोयल, रामस्वरूप सहित ज्यादातर का कहना है कि मुख्यमंत्री स्वयं कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद कोरोना पर कंट्रोल के लिए लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। प्रभावी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। प्रदेश में समय पर कोरोना को लेकर सख्ती करने का नतीजा यह है कि अन्य प्रदेश की तुलना में राजस्थान में इतने बुरे हालात नहीं हैं। सोशल मीडिया पर कुछ भी चलाने से पहले लोगों को इंटक के समारोह का पूरा वीडियो देखना चाहिए, जिसमें उन्होंने कितनी महत्वपूर्ण बातें की हैं।

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