श्रीगंगानगर
शहर के सरकारी अस्पताल में अब ऑक्सीजन का संकट पैदा हो गया है। लिक्विड ऑक्सीजन का एक ट्रक को स्थानीय स्तर पर पहुंच गया है लेकिन उससे सिलेंडरों की रीफिलिंग में वक्त लगेगा। हॉस्पिटल के ऑक्सीजन प्लांट में केवल छह से सात सिलेंडर ही लगे हैं। ऐसे में रोगियों के लिए प्रबंध कैसे होगा यह समझ से बाहर है। चिकित्सालय प्रबंधन दो दिन पहले तक स्टॉक में बड़ी संख्या मेंं सिलेंडर होने की बात कह रहा था लेकिन लगातार बड़ी संख्या में आए रोगियों ने व्यवस्था को बिगाड़ दिया है। स्थानीय सरकारी अस्पताल में बहुत कम सिलेंडर का प्रबंध रह गया है।
आते ही जा रहे हैं रोगी
सरकारी अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि रोगियों का आना रुक ही नहीं रहा है। लगातार रोगी आते जा रहे हैं। उनका कहना है कि 140 बैड की क्षमता वाले अस्पताल में दो सौ से ज्यादा तो रोगी भर्ती कर लिए हैं। अब आखिर और रोगी भर्ती करें तो कहां। वहीं तेजी से रोगी आने के मुकाबले ऑक्सीजन सिलेंडरों का प्रबंध नहीं हो पा रहा है।
पिछले चार दिन का यह रहा हाल
दिनांक रोगी
30 अप्रैल 204
01 मई 704
02 मई 532
03 मई 10
04 मई 180
चार दिन में डेढ हजार से ज्यादा रोगी
पिछले पांच दिन में ही जिले के अस्पतालों में डेढ हजार से ज्यादा रोगी आ गए हैं। हॉस्पिटल में डेढ़ सौ से दो सौ रोगियों के लिए ऑक्सीजन का तो प्रबंध है, लेकिन इससे ज्यादा में परेशानी होती है। उपलब्ध सिलेंडरों में से भी निजी अस्पतालों को भी सप्लाई देनी होती है।
अब ऑक्सीजन का संकट
अब ऑक्सीजन का संकट है। हमने रीफिलिंग प्लांट में खाली सिलेंडर भेजे हुए हैं। वहां से सिलेंडर भरकर आने पर व्यवस्था होगी। अभी तो उपलब्ध सिलेंडरों से कुछ समय व्यवस्था होगी।
-डॉ.बलदेवसिंह, पीएमओ, सरकारी अस्पताल, श्रीगंगानगर
