जोधपुर

बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी तहसील के एसडीएम सुनील कटेवा व उनके ड्राइवर दुर्गाराम (गोले में) को एसीबी ने दस हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।
- बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी तहसील के एसडीएम सुनील कटेवा और उनके ड्राइवर को किया गिरफ्तार
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शुक्रवार सुबह बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी तहसील के एसडीएम को उनके ड्राइवर को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। एसडीएम ने घूस की रकम लेकर ड्राइवर को सौंपी थी। एसीबी जोधपुर की स्पेशल टीम ने दोनों को ट्रैप किया। एसडीएम सुनील कटेवा ने यह रिश्वत एक मामले में स्टे देने की एवज में ली थी।
एसीबी जोधपुर रेंज के डीआईजी विष्णुकांत ने बताया कि परिवादी ए़डवोकेट पप्पूराम ने लिखित में शिकायत दर्ज कराई कि मेरे मुवकिल पोपटराम की जमीन का एक मामला एसडीएम कोर्ट में विचाराधीन है। इस मामले में अस्थाई निषेधाज्ञा के लिए एसडीएम सुनील कुमार 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है।
शिकायत के सत्यापन के दौरान इस बात की पुष्टि हो गई कि एसडीएम रिश्वत की मांग कर रहा है। इसके बाद, सुबह ट्रैप करने के लिए पप्पूराम को एसडीएम के पास भेजा गया। एसडीएम ने पप्पूराम से अपने कक्ष में 10 हजार रुपए लेकर उसे अपने ड्राइवर दुर्गाराम को सौंप दिए। दुर्गाराम यह राशि ले गया और अपने वाहन में डेस्क बोर्ड पर रख दिए।
इसी दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्गसिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में जोधपुर से गई स्पेशल टीम ने एसडीएम सुनील कटेवा और उनके ड्राइवर दुर्गाराम को दबोच लिया। वाहन से रंग लगे 10 हजार रुपए बरामद कर लिए गए। साथ ही एसडीएम की टेबल पर लगे कांच से भी गुलाबी रंग निकला। बाद में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनसे पूछताछ की जा रही है।
पहले नौसेना में था, फिर तहसीलदार के पद पर हुआ चयन
रिश्वत लेते पकड़ा गया एसडीएम सुनील कुमार 2 साल भारतीय नौसेना में सेवा दे चुका है। इसके बाद साल 2003 में तहसीलदार के पद पर चयनित हुआ। साल 2019 में पदोन्नत होकर आरएएस बना। तहसीलदार के रूप में बाड़मेर के चौहटन व सेंड़वा में इसकी पोस्टिंग रह चुकी है। इसके अलावा नागौर, मुंडवा, मेड़ता, नसीराबाद और जयपुर जेडीए में भी यह तहसीलादर के रूप में सेवा दे चुका है।
मौजूदा वक्त में इसके पास धोरीमन्ना के एसडीएम का अतिरिक्त चार्ज भी है। इसके ऊपर भ्रष्टाचार के पहले भी कई आरोप लग चुके हैं। कुछ लोग इसके खिलाफ शिकायतें भी दर्ज करवा चुके हैं, लेकिन यह कभी पकड़ में नहीं। हर बार बच निकलता, लेकिन इस बार एसीबी के जाल में पूरी तरह से उलझ गया।
