बीकानेर
मरीजों की भीड़ देखकर बीकानेर के एक प्राइवेट क्लीनिक को बंद करने और वरिष्ठ चिकित्सक के साथ अभद्रता करने का मामला अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक पहुंच गया है। SDM मीनू वर्मा ने क्लीनिक के आगे 50 से अधिक लोगों के एकत्र होने और कोविड गाइडलाइन की अनदेखी पर डॉक्टर से 10 हजार रुपए का जुर्माना वसूला था। साथ ही, क्लीनिक भी सील कर दिया था।
आरोप है कि इस दौरान पहले पांच हजार का जुर्माना लगाया गया और डॉक्टर ने अपनी सफाई देनी चाही तो जुर्माना बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दिए। इतना ही नहीं बाद में गिरफ्तार करने की धमकी भी दी। अब डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि SDM के खिलाफ कार्रवाई करें ताकि इस महामारी के समय में प्रदेशभर के डॉक्टरों को सड़क पर न उतरना पड़े।
इस मामले में बीकानेर के डॉक्टर्स ने मंगलवार को ही अपना विरोध दर्ज करा दिया था। बुधवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के प्रदेश अध्यक्ष एम.एन. थरेजा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख दिया है। इस पत्र में साफ तौर पर चेतावनी दी गई है कि समय रहते SDM के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो प्रदेशभर में डॉक्टर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। अभी विपरीत समय में डॉक्टर्स को ऐसा करने के लिए सरकार मजबूर न करे। पत्र में कहा गया है कि 70 साल के डॉ. एस.पी. खत्री इस विकट दौर में रोगियों को राहत दे रहे हैं और अपनी क्लीनिक में गाइडलाइन का पालन करते हुए मरीजों को देख रहे थे। क्लिनिक में उस समय महज 4 रोगी थे, जो तय दूरी पर बैठे थे।
यह है मांग
IMA ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि SDM इस व्यवहार के लिए डॉक्टर से सार्वजिनक तौर पर माफी मांगें और सील की गई क्लीनिक को वापस खोला जाये। इतना ही नहीं,पेनल्टी के रूप में जो राशि वसूल की गई है वो भी वापस की जाए। इससे पहले वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कुलदीप बिट्ठू ने इस मुद्दे को उठाते हुए कार्रवाई का विरोध किया था। आईएमए से जुड़े डॉ.एस.एन. हर्ष, डॉ. राहुल हर्ष, डॉ. सी.एस. मोदी आदि ने भी इस कार्रवाई के विरोध में कलेक्टर को मंगलवार को ज्ञापन दिया था।
