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अब भारत में बनेंगे युद्धक विमान के इंजन, अमरीकी कंपनी GE देगी तकनीक

नई दिल्ली. भारत का रक्षा उद्योग पूरी तरह से आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है। अमरीका ने अब भारत को युद्धक विमान का इंजन बनाने की तकनीक देने जा रहा है। इसके बाद भारत अब अपने युद्धक विमान के लिए अपना इंजन बनाएगा। इनका इस्तेमाल एलसीए एमके-2 में किया जाएगा। आठ सितंबर से हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन हिस्सा लेने भारत आ रहे हैं। इससे पहले ही भारत के हिस्से यह खुशखबरी आई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून में की गई अमरीका यात्रा के दौरान विमानन प्रणाली पर का काम करने वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और अमरीका की जीई एयरोस्पेस के बीच हुआ था। इसमें युद्धक विमान इंजन GE एफ-414 की तकनीक हस्तांतरण, भारत में ही इंजन का निर्माण और लाइसेंसिंग की व्यवस्था का समझौता हुआ था। बाइडेन के प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा है कि डील की दिशा में हम बढ़ रहे हैं।
अब एक महीने बाद अमरीकी संसद ने भी इसकी मंजूरी दे दी है। अमरीकी नियम के अनुसार विदेशी मामलों में सदन और सीनेट को सूचित किया जाता है। संसद से पास होने के बाद अधिसूचना जारी होती है। इस दौरान अगर 30 दिनों के अंदर कोई भी कांग्रेसी प्रतिनिधि या सीनेटर आपत्ति नहीं करता तो इसे पास कर दिया जाता है। 22 जून की रात्रि भोज में इसका समझौता हुआ था और इसे 28 जुलाई को सदन में सूचित किया गया था।