Friday, July 18निर्मीक - निष्पक्ष - विश्वसनीय
Shadow

बहनों को मोबाइल फोन से ज्यादा सुरक्षा की आवश्यकता : चावला

  • भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री वासुदेव चावला ने प्रदेश सरकार को घेरा
    हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)।
    भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री वासुदेव चावला ने राजस्थान सरकार को घेरते हुए कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने लोगों को ठगने व उन्हें बहकाने का काम किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पांच साल आराम करते हैं। सरकार को होटलों में रखते हैं। इसके बाद तब घोषणाएं करते हैं जब सरकार का कालखंड पूरा होने का समय होता है। उनकी घोषणाएं भी राहुल गांधी की घोषणाओं की तरह हैं जो कभी पूरी नहीं होती। यह बात उन्होंने शुक्रवार को हनुमानगढ़ आगमन के दौरान भाजपा जिला कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। चावला ने कहा कि प्रदेश सरकार ने महंगाई राहत कैंप के नाम पर पूरे प्रदेश की जनता को बरगलाने का काम किया। अब चुनाव के समय लागू की जा रही यह योजनाएं, योजनाएं नहीं, गुब्बारे हैं जो सिर्फ हवा में उड़ेंगे और लोगों को दिखेंगे। यह गहलोत सरकार का काला जादू है। इससे बचने का काम जनता को करना है। चावला ने कहा कि गहलोत ने दो सौ यूनिट बिजली माफ करने की घोषणा की। लेकिन बिजली उपभोक्ताओं के पास पहले से दोगुने, तीन गुना राशि के बिल पहुंच रहे हैं। अब सरकार सरचार्ज माफ करने की घोषणा की है। इसके अलावा प्रदेश सरकार स्मार्टफोन वितरण करने की बात कह रही है लेकिन बहनों को इस समय मोबाइल फोन से ज्यादा उनकी सुरक्षा की आवश्यकता है। आज पूरे देश में राजस्थान प्रदेश की बहनों की हालात सबसे अधिक खराब है। आज कहीं बहनों के टुकड़े कर उन्हें भट्ठियों में जलाया जा रहा है तो कहीं उनके शव को क्षत-विक्षत कर नाले में फेंक दिया जाता है। इस प्रकार की घटनाएं राजस्थान में पहली बार हो रही हैं। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि लोगों का इस सरकार व पुलिस से विश्वास खत्म हो गया है। जबकि भाजपा शासित प्रदेशों में महिलाओं पर अत्याचार इसलिए कम हुए हैं, क्योंकि अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाती है। लेकिन राजस्थान में अपराधी बच निकलते हैं। पूरे देश में जहां-जहां भाजपा की सरकारें हैं वहां की बहनें अधिक सुरक्षित हैं। भाजपा की सरकारें जो कहती हैं वह करती हैं। वे लॉलीपॉप नहीं देती। किसानों का ऋण माफ करने के लिए आयोग गठित करने के सवाल के जवाब में चावला ने कहा कि किसानों के लिए ऋण राहत का काम अगर सरकार को करना होता तो इन साढ़े चार सालों में हो जाता। एक आदेश के तहत किसानों का कर्जा माफ हो जाता। उसके लिए आयोग गठित करने की आवश्यकता नहीं। यह सिर्फ जनता का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है।