जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने प्रदेश में बढ़ते भ्रष्टाचार के मामलों पर गहलोत सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों में कानून का डर खत्म हो चुका है, क्योंकि एसीबी में दर्ज 500 से ज्यादा मामले ऐसे हैं, जिसमें आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की अभियोजन स्वीकृति अधरझूल में है। सिर्फ 13 मामलों में मंजूरी मिली है और 29 में स्पष्ट मना कर दिया गया है। इससे यह माहौल बन गया है कि यदि एसीबी पकड़ भी लेती है, तो लचर कानून व्यवस्था के चलते वे इससे बरी हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत भले ही पिछले साढ़े 4 साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार में लिप्त कार्मिकों के खिलाफ सर्वाधिक कार्रवाई को लेकर अपनी पीठ थपथपा लें, लेकिन वास्तविकता में आंकड़ें इसके बिल्कुल विपरीत हैं। मुख्यमंत्री स्वयं भ्रष्टाचार पर अपनी जीरो टॉलरेंस नीति की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्होंने एसीबी को बिना दांत और पंजों वाला शेर बना दिया है जो सिर्फ घुर्रा सकता है, कुछ बिगाड़ नहीं सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार आने के बाद एसीबी ने पिछले साढ़े 4 वर्षों में सैकड़ों मामले दर्ज किए, लेकिन 500 से ज्यादा मामले ऐसे हैं, जिनमें रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने के बावजूद उन अधिकारियों तथा कर्मचारियों के खिलाफ उनके विभागों से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिल रही।
उन्होंने कहा कि क्या प्रदेश के अफसरों पर मुख्यमंत्री की इतनी पकड़ भी नहीं है कि वह इन मामलों पर तुरंत स्वीकृति दे या फिर स्वयं मुख्यमंत्री ही नहीं चाहते कि भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई हो। जोशी ने यह भी कहा कि एसीबी को पूर्णकालिक डीजी कब तक मिलेगा।