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लखनऊ में स्कार्पियो की टक्कर से एक परिवार के 4 लोगों की मौत

  • गांव में पसरा मातम, एक साथ जलेंगी चिताएं
    सीतापुर, संसू।
    तंबौर इलाके के गैठा हजरतपुर में बुधवार की सुबह गम का माहौल था। ग्रामीण हों या रिश्तेदार सभी की आंखें नम थीं। लखनऊ के अलीगंज में गुलाचीन मंदिर के पास मंगलवार की देर रात तेज रफ्तार स्कार्पियो में फंसकर स्कूटी सवार दंपति व दो बच्चे करीब सौ मीटर तक घिसटते रहे थे। इसमें राम सिंह, पत्नी ज्ञान देवी व दो बच्चों राज व अंश की भी मौत हो गई थी। हादसे ने हंसते खेलते परिवार की खुशियां पल भर में छीन लीं। सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। राम सिंह के पिता राम पल्टन व मां राजरानी बेहोश हो गए। परिवारीजन सुबह लखनऊ रवाना हो गए। गांव में भी लोग राम सिंह के व्यवहार व परिवार के लिए संघर्ष की चर्चा करते दिखे।
    अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर में मंगलवार की शाम मेला लगा था। परिसर में टेंट हाउस से सामान भी आया था। पत्नी व बच्चे रात में मेला देखने गए थे। वहीं राम सिंह ने टेंट का सामान खाली कराकर वाहन में लोड कराकर रवाना कर दिया। इसके बाद रात दो बजे वह पत्नी व बच्चों को लेकर स्कूटी से घर जा रहे थे। रास्ते में सभी हादसे का शिकार हो गए।
    राम सिंह वर्ष 2007 से लखनऊ के विकास नगर में किराये का कमरा लेकर रहते थे। वह अलीगंज स्थित मां वैष्णो टेंट हाउस में प्रबंधक के रूप में काम करते थे। उन्होंने 22 फरवरी को बहन संजना व मंजना की एक साथ शादी की थी। इसमें वह पत्नी व बच्चों के साथ आए थे। वैवाहिक कार्यक्रम निपटाकर वह लखनऊ चले गए थे। तब से गांव नहीं आए थे।
    राम सिंह चार भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। सबसे बड़े अनिल, दूसरे पर राम सिंह थे। अमर सिंह व मनीष सिंह छोटे हैं। चार बहनों में सुनीता व रंजना का विवाह पहले हो चुका है। शेष दो बहनों संजना व मंजना का फरवरी में विवाह हुआ है।
    राम सिंह के परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी। इसीलिए वह कमाने के लिए लखनऊ चले गए थे। पिता राम पल्टन के पास महज चार बीघा खेत है। राम सिंह के तीनों भाई पिता के साथ मिलकर खेती करते हैं। ठेका व बटाई पर खेती कर परिवार का खर्च चलता है। राम सिंह परिवार की मदद किया करते थे।
    राम सिंह के चचेरे भाई सरोज ने बताया कि मंगलवार की शाम पांच बजे अंतिम बार मोबाइल पर उनसे बात हुई थी। राम सिंह ने बताया था कि ज्येष्ठ माह का आखिरी मंगल है। कई जगह टेंट लगा है, आज बहुत व्यस्तता का दिन है। बोले थे कि बुधवार को दिन में फोन करेंगे। रोते हुए सरोज बोले कि वह वादा पूरा किए बगैर चले गए।