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एसटीजी नहर में फैक्ट्रियों का दूषित पानी डालने से आक्रोशित वार्डवासियों ने किया प्रदर्शन
by seemasandesh
रीको कार्यालय में केमिकलयुक्त पानी से भरे मटके फोड़ दर्ज कराया विरोध, हड्डारोड़ी को अन्यत्र स्थानांतरित करने व खुंजा क्षेत्र में पेयजल समस्या दूर करने की भी रखी मांग हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)। जंक्शन में बाइपास पर औद्योगिक क्षेत्र में संचालित फैक्ट्रियों का केमिकलयुक्त पानी पास ही बहने वाली एसटीजी नहर में डालने से आक्रोशित वार्ड नम्बर 2, खुंजा के वाशिंदों ने बुधवार को जिला परिषद डायरेक्टर मनीष गोदारा व पार्षद संजय सांसी के नेतृत्व में रीको कार्यालय में प्रदर्शन किया। उन्होंने रीको कार्यालय में केमिकलयुक्त पानी से भरे मटके फोड़ रीको व जिला प्रशासन मुदार्बाद के नारे लगाते हुए फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिलकलयुक्त पानी की निकासी की उचित व्यवस्था करने की मांग प्रशासन से की। साथ ही पास ही स्थित हड्डारोड़ी को अन्यत्र स्थानांतरित करने व खुंजा क्षेत्र में पेयजल समस्या दूर करने की भी मांग उठाई। समस्याओं का समाधान न होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी। इस मौके पर जिला परिषद डायरेक्टर मनीष गोदारा ने कहा कि काफी सालों से प्रशासन को इस समस्या से अवगत करवाया जा रहा है कि फैक्ट्रियों का केमिकलयुक्त पानी एसटीजी नहर के किनारे आठ इंची पाइप लगाकर लगातार छोड़ा जा रहा है। यह पानी 24 घंटे चलता रहता है। जबकि फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी की निकासी के लिए गड्ढे खुदवाए गए थे लेकिन उनमें इस केमिकलयुक्त पानी की निकासी नहीं हो रही। अगर यह पानी एक ही जगह चलता रहता तो यह वापस सड़क के ऊपर से वापस औद्योगिक क्षेत्र में चला जाता। लेकिन रात्रि के समय फैक्ट्री मालिक केमिकलयुक्त पानी को उठाकर नहर में डाल देते हैं। यह पानी नहर के पानी में मिलकर शुद्ध पानी को दूषित कर रहा है। इस दूषित पानी को पीने से कैंसर सहित अन्य जानलेवा बीमारियां पैदा हो रही हैं। नहर किनारे लगे वर्षांे पुराने पेड़ इस पानी के कारण सूख चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार हो स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने की बात तो कहती है लेकिन उस पर अमल नहीं होता। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र के नजदीक स्थित हड्डारोड़ी से भी आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनका जीना मुश्किल हो गया है। बदबूदार माहौल में लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है। खुंजा क्षेत्र के लोग सबसे ज्यादा परेशान हैं। आसपास का वातावरण दूषित हो गया है। फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं से भी आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी बीमारियां हो रही हैं। उन्होंने बताया कि खुंजा क्षेत्र की एक समस्या यह है कि यहां के लोग एसटीजी नहर के किनारे बसे हैं लेकिन फिर भी उन्हें नहरी पानी नहीं मिल रहा। खुंजा क्षेत्र में ट्यूबवैल का शोरायुक्त पानी सप्लाई हो रहा है जो पीने के लायक नहीं है। वह पानी पीने से उनमें गंभीर बीमारियां फैल रही हैं। उन्होंने मांग की कि औद्योगिक क्षेत्र में स्थित फैक्ट्रियों के मालिकों को पाबंद किया जाए कि फैक्ट्रियों का केमिकलयुक्त पानी नहरों में न डालें। साथ ही खुंजा क्षेत्र के लोगों को नहर से स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जाए। हड्डारोड़ी को भी यहां से अन्यत्र शहर से दूर स्थानांतरित किया जाए। अन्यथा इसके खिलाफ जनआंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर रामदिता सांसी, पार्षद स्वर्ण सिंह, गुरदेव सिंह, रवि सिंगीकाट, बलवीर शेखावत, शेरूराम सांसी, नानक सांसी, कमल भाटी, सोनू सेतिया, दरबार सिंह, सोनूसिंह, रामदेव, गुरलाल सिद्धू, मुख्तयार सिंह, रामदेव, हरदेव सिंह, जीवेश, बिंद्रसिंह, भगवान सिंह, मालाराम सांसी, इंद्रसिंह, रामबाबू आदि मौजूद थे। रणनीति तैयार कर किया जाएगा आंदोलन वार्ड नम्बर 2 के पार्षद संजय सांसी ने बताया कि इस केमिकलयुक्त पानी के एकत्रित होने वाली जगह पर खड़े करीब दो-ढाई सौ पेड़ सूख चुके हैं। अगर केमिकलयुक्त पानी की समस्या से निजात नहीं दिलाई गई तो इसके खिलाफ आंदोलन छेड़ा जाएगा। इसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। पूर्व पार्षद प्रतिनिधि रणजीत सिंह ने आरोप लगाया कि सबकुछ जानते हुए भी प्रशासन सोया हुआ है। फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। कई सालों से केमिकलयुक्त पानी खुले में छोड़ा जा रहा है। आसपास के क्षेत्र के लोगों को बीमारियां जकड़ रही हैं। इसके लिए प्रशासन व फैक्ट्री मालिक जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने इस समस्या का समाधान करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाया तो आसपास के वार्डांे के लोग रणनीति तैयार कर बड़ा आंदोलन करेंगे।