श्रीगंगानगर (सीमा सन्देश)।
किसान संगठनों ने आरोप लगाया है कि तीन नए कृषि कानून को वापस लिए जाने की मांग पर चल रहे किसान आंदोलन के तहत 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाले जाने के दौरान दिल्ली में उपद्रव एक साजिश के तहत करवाया गया है ताकि किसान आंदोलन को बदनाम कर इसके नेताओं को कटघरे में खड़ा किया जा सके। वीरवार को पंचायती धर्मशाला में आयोजित प्रेस वार्ता में किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष अमरसिंह बिश्नोई, प्रवक्ता सुभाष सहगल एडवोकेट, बार संघ के अध्यक्ष विजय रेवाड़, अखिल भारतीय किसान सभा के वरिष्ठ नेता रविंद्र तरखान, रिछपालसिंह पन्नू, जय किसान आंदोलन के रमन रंधावा, किसान आर्मी के सत्य रतिवाल आदि किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार जब हठधर्मिता पर अड़े रहकर कृषि कानून वापस लेने को तैयार नहीं हुई तो किसानों के ऐतिहासिक व अभूतपूर्व आंदोलन को तारपीडो करने की साजिशें रची जाने लगीं।
रमन रंधावा ने कहा कि जब 22 जनवरी को अंतिम दौर की वार्ता विफल हो गई, तब संयुक्त मोर्चा ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली की तैयारी करने का बयान दिया। उसी दिन ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी बयान दिया था कि अब सरकार भी अपनी तैयारी करेगी। उनके इस कथन का अर्थ दिल्ली उपद्रव के बाद समझ में आया कि वे किस तैयारी की बात कर रहे थे। इन किसान नेताओं ने स्पष्ट कहा कि दिल्ली उपद्रव किसान आंदोलन में शामिल किसान संगठनों की एकता को खंडित करना ही नहीं बल्कि आंदोलन को मुद्दे से भटकाने की भी साजिश है, लेकिन सभी किसान संगठन अभी भी एकजुट हैं।