Monday, July 8निर्मीक - निष्पक्ष - विश्वसनीय
Shadow

किसान बोले : सड़कों पर फिर उतरेंगे

हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)। केन्द्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन छह माह से अधिक समय से लगातार जारी है। किसान व किसान प्रतिनिधि टोल नाकों पर बेमियादी धरने पर बैठे हैं। कोरोना काल के चलते पिछले कुछ समय से सुस्त हुए आंदोलन को अब फिर धीरे-धीरे तेज किया जा रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को जिले भर में जिन-जिन टोल नाकों पर किसानों का आंदोलन चल रहा है, वहां किसान पंचायत का आयोजन किया गया। हनुमानगढ़ तहसील में मेगा हाइवे पर गांव कोहला के पास स्थित टोल नाके पर किसान पंचायत का आयोजन किया गया। महापंचायत में किसान मजदूर संघर्ष समिति के साधासिंह खोसा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बंगाल का चुनाव तो हार लिया। अन्य जगह भी चुनाव होने वाले हैं। उन चुनावों में भी भाजपा का इससे भी बुरा हश्र होगा। क्योंकि यह लोकतंत्र-प्रजातंत्र है न कि राजतंत्र। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने रातोंरात कृषि कानून बना दिए, जबकि यह तीनों कानून किसानों के है ही नहीं। इन कानूनों के तहत किसानों का अनाज छीनकर औने-पौने दामों पर बिकवाने की मंशा है। मोदी सरकार में उद्योगपतियों को फायदे व पालने की व्यवस्था चल रही है। उन्होंने कहा कि अब कोरोना विदाई ले रहा है। अब फिर किसान इन कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे। पूरे भारत में रैलियां निकाली जाएंगी। रोड शो होंगे। 16 दौर की मीटिंग के बाद अब सरकार किसानों से वार्ता का नाम ही नहीं ले रही। इसके खिलाफ किसान अब फिर लामबंद हो रहे हैं। लाभसिंह ने कहा कि किसान काफी समय से टोल नाकों पर डटे हैं और वाहनों को टोल फ्री करवा रखा है। आज वे दोबारा इस जगह रोष-प्रदर्शन करने के लिए एकत्रित हुए हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार एमएसपी बढ़ाने की बात कहती है ,जबकि दूसरी तरफ करीब दस साल पहले जिस दाम पर नरमा-धान की खरीद हो रही थी। आज भी उसी दाम पर खरीद हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कहती है अच्छे दिन आएंगे,लेकिन अभी तक तो अच्छे दिन आए नहीं। उन्होंने मांग की कि सरकार इन तीनों काले कानूनों को रद्द करे और एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए ताकि किसान खुशहाल हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *