मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना में एक करोड़ 29 लाख से अधिक राशि की स्वीकृतियां जारी
कोरोना महामारी में अपने पति को खोने वाली महिलाओं को अपने बच्चों की परवरिश और शिक्षा-दीक्षा के लिए अब दूसरों के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राज्य सरकार ने उनके बैंक खातों में एक-एक लाख रुपए जमा करवा दिए हैं। वहीं उनके बच्चों की पढ़ाई के लिए भी राज्य सरकार प्रति माह 25 सौ रुपए की सहायता राशि बच्चे के 18 वर्ष होने तक देगी।
अब आड़े नहीं आएगी तंगी
कोरोना महामारी में अपने पति को खो चुकी जिले की सैंकड़ों महिलाओं को अपने बच्चों की परवरिश को लेकर चिंता सता रही थी, लेकिन सरकार की सहायता राशि मिलने के बाद अब उनकी परेशानियां काफी हद तक दूर हो सकेंगी। झझू में रहने वाले मंजूर अली का ८ मई को देहांत हो गया। मंजूर अली के पुत्र ने बताया कि उसके तीन भाई और दो बहिने हैं। पिताजी गाड़ी चलाते थे, लेकिन कोरोना संक्रमित होने के बाद चल बसे। आर्थिक सहायता मिलने से उनके भाइयों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी। वहीं निजी बैंक में काम करने वाले सुनील कुमार व्यास की पत्नी ने बताया कि कोरोना महामारी ने उनके पति को छीन लिया। उन्होंने बताया सरकार की आर्थिक मदद प्रदेश की हजारों महिलाओं के लिए कारगर साबित होगी।
124 विधवाओं को मिला लाभ
राज्य सरकार की योजना के तहत बीकानेर जिले की 124 विधवा महिलाओं के बैंक खातों में यह राशि डाली गई है। कार्यवाहक जिला कलक्टर अरुण प्रकाश शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की 124 विधवा महिलाओं के बैंक खातों में सीधे ही एक-एक लाख रुपए जमा करवाएं गए है। उन्होंने बताया कि बीकानेर शहरी क्षेत्र में 57, बीकानेर ग्रामीण क्षेत्र की 15, श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र की 22, कोलायत की 10, लूणकरसर की 4, खाजूवाला की 7 और नोखा व पांचू की 8 महिला शामिल है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल.डी.पंवार ने बताया कि 124 विधवा महिलाओं में से 31 ऐसी विधवा है, जिनके 18 वर्ष से छोटे बालक है और वे विद्यालयों में अध्ययनरत और आंगनबाड़ी से जुड़े हुए हैं। इनके ऐसे 62 बच्चों (पालनहार) को एक हजार रूपये प्रति बालक प्रतिमाह दिए जाने की स्वीकृति जारी की गई है।
