श्रीगंगानगर। विकास डब्ल्यूएसपी फैक्ट्री में डीजी मैकेनिक द्वारा आत्महत्या के मामले में मजदूरों और फैक्ट्री प्रबंधन के बीच उपजा गतिरोध गुरुवार शाम तीन दौर की वार्ता के बाद समाप्त हो पाया। फैक्ट्री प्रबंधन , प्रशासनिक अधिकारियों, मजदूर यूनियन के पदाधिकारियों और मजदूर नेताओं के बीच बनी सहमति के बाद मृतक के परिजनों को मुआवजे के रुप में 21 लाख रुपए का चैक सौंप दिया गया। साथ ही मृतक का 15 माह का बकाया वेतन, पीएफ सहित अन्य सभी भुगतान एक सप्ताह में करने का आश्वासन फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा दिया गया। जिसके बाद मजदूरों ने बुधवार शाम से फंदे पर लटके शव को पोस्टामार्टम के लिए जिला हस्प्ताल मोर्चरी रुम में भेजने की स्वीकृति दी।
पूर्व उप प्रधान विनोद खुड़िया ने बताया कि शाम लगभग 4 बजे लिखित में सहमति बनी कि फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से 21 लाख की मुआवजा राशि मृतक फोरमैन हनुमानाराम की पत्नी के खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
लगभग 600 कर्मचारियों के बकाया 14 महीने के वेतन का भुगतान अगले 6 महीने में कर देने का मौखिक आश्वासन दिया गया। मगर तब तक आंदोलन जारी रहेगा यह श्रमिक और मजदूर पिछले 26 दिनों से जिला कलेक्ट्रेट पर धरना दे रहे हैं।
सहमति बन जाने पर शव को पोस्टमार्टम करवाने के लिए ले जाने दिया गया। जहां शाम को पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिवार जनों को सौंप दिया गया।
इस वार्ता में एडीएम प्रशासन, एडीशनल एसपी, एसडीएम, तहसीलदार, पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल, संघर्ष समिति के हनुमान मेहरड़ा, विधायक पुत्र विकास गौड़, आत्माराम, करणीसिंह, विनोद खुड़िया, राजेन्द्र सिंह, निर्मल सिंह, रणवीर सिंह, ईश्वर सिंह, हरीसिंह, मंगतराम गौड़ सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।