बीकानेर। दुर्लभ बीमारी का शिकार नन्ही परी नूर फातिमा आखिर मंगलवार को दूनिया से अलविदा हो गई। नन्ही परी को दुर्लभ बीमारी से निजात दिलाने के लिये सोलह करोड़ रुपए के एक इंजेक्शन की आवश्यकता थी । इसके लिये परिजनों और कई जनप्रतिनिधियों ने भी सोशल मीडिया के जरिये सहयोग राशि जुटाने की कोशिश की थी। इसी के तहत चालीस लाख रुपए ही एकत्र हुए और अभी भी लोगों द्वारा मदद का सिलसिला जारी था। इसी बीच मंगलवार की सुबह खबर आई कि नूर फातिमा अब नहीं रही । सोशल मीडिया पर यह खबर फैलते ही इलाके में शोक की लहर फैल गई। नन्ही परी को एसएनएम नामक बीमारी है। इसके इलाज के लिए जोलगेन्स्मा इंजेक्शन लगाया जाता है। इसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है। सामान्य परिवार से आने वाले नूर फातिमा के पिता जिशान के लिए इतनी बड़ी राशि जुटाना संभव नहीं था। ऐसे में उनके परिजनों और मित्रों ने जन सहयोग से रुपए जुटाने का सिलसिला शुरू किया। सोशल मीडिया के माध्यम से जब अपील का दौर शुरू हुआ तो चालीस लाख रुपए एकत्र भी हो गए। परिजनों के मुताबिक नूर फातिमा पैदा होने के साथ ही शरीर के एक हिस्से का संचालन नहीं कर पा रही थी। उसका जे.के. लोन अस्पताल में उसका इलाज करवाया गया। जहां डॉक्टर्स ने जांच के बाद उसे स्पाइनल मस्कूलर एनट्रोपी टाइप वन बिमारी है।