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दो साल बाद फिर से टिड्‌डी अटैक का खतरा !

बाड़मेर

रेगिस्तान में एक बार फिर से टिड्‌डी का खतरा मंडारने लगा है। 1 से 15 जुलाई तक हुए सर्वे में बीकानेर जिले के सुरधना में टिड्‌डी की एक्टिविटी देखने को मिली है। टिड्‌डी विभाग ने परिस्थितियों को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। टिड्‌डी विभाग के डॉ. वीरेंद्र कुमार के मुताबिक, हम भारत-पाक बॉर्डर से सटे 10 जिलों में हर महीने 2 बार टिड्‌डी सर्वे करते हैं। इसमें गुजरात का हिस्सा भी शामिल है।

दो साल पहले भी टिडि्डयों ने बाड़मेर शहर में एंट्री कर ली थी।

दो साल पहले भी टिडि्डयों ने बाड़मेर शहर में एंट्री कर ली थी।

10 जिलों में 155 स्थानों पर सर्वे

राजस्थान और गुजरात के सटे भारत-पाक बॉर्डर से सटे इलाकों में नियमित रूप से सर्वे करवाया जाता है। इस बार भी इन इलाकों में 155 स्पॉट देखे गए। इसमें बाड़मेर, जैसलमेर, सम, फलौदी, बीकानेर, सूरतगढ़, चुरू, नागौर, जोधपुर, जालोर, गुजरात का पालनपुर और भुज के स्पॉट शामिल किए गए थे।

ज्यादा बरसात से खतरा ज्यादा
टिड्‌डी विभाग के डॉ. वीरेंद्र बताते हैं- रेगिस्तानी इलाकों में जून-जुलाई में बरसात के बाद से ही टिड्‌डी का खतरा बढ़ जाता है। थार में टिड्‌डी पाक की तरफ से आती रही हैं। इस साल अभी तक टिड्‌डी कहीं नजर नहीं आने से राहत है। सर्वे ने जरूर परेशान करने वाले इनपुट दिए हैं। इस बार पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर समेत आसपास के इलाकों में जमकर बारिश हुई है। ऐसे में यहां हरियाली बढ़ी और जमीन में नमी भी। इसके चलते टिड्‌डी के पनपने के लिए पारिस्थितियां पूरी तरह अनुकूल बनी हुई हैं।

2019 और 2020 में पाक से आई टिड्‌डी दल ने मचाई थी तबाही

साल 2019 और 2020 में पाकिस्तान से भारत में प्रवेश की टिड्‌डी ने राजस्थान व गुजरात के जिलों में तबाही मचाई थी। टिड्‌डी ने किसानों की फसलों को चौपट कर दिया था। उस समय टिड्डी विभाग की ओर से 6000 हेक्टेयर में स्प्रे किया गया था। वहीं किसानों ने टिड्‌डी दल को भगाने के लिए खेतों में धुआं करने के साथ ही थाली और डीजे भी बजाया था।