देश में बिना हेलमेट के टू-व्हीलर चलाना उतना ही जानलेवा है जितना नकली और हल्की क्वालिटी का हेलमेट पहनना। परिवहन विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार सड़क दुर्घटना मे 20-25 फीसदी ऐसे चालक होते हैं, जिन्होंने सस्ते हेलमेट लगाया होता है। वहीं पुलिस के सड़क दुर्घटना रिपोर्ट के अनुसार, सड़क दुर्घटना में जितने लोग घायल हुए है या जिनकी जिंदगी सड़कों के हवाले हो गई है। उनमें से अधिकांश वे लोग रहे है, जिन्होंने या तो हेलमेट पहना ही नहीं है या फिर बहुत घटिया स्तर का पहना है।
स्टीलबर्ड हेलमेट के एमडी राजीव कपूर बताते हैं कि देश में नकली हेलमेट जोकि की बेहद खराब क्वालिटी के होते हैं, इन्हें बैन करना चहिये, ये ठीक वैसे हैं जैसे नकली दवाई…लोग सिर्फ चालान से बचने के लिए हेलमेट पहनते हैं और इसलिए वो 200-300 रुपये का हेलमेट खरीद लेते हैं। अब ऐसे हेलमेट आपको चालान से तो बचा सकते हैं लेकिन दुर्घटना होने पर आपकी जान नहीं बचा सकते।
क्या हल्के हेलमेट भी मजबूत होते हैं?
इस बारे में राजीव कपूर बताते हैं कि हेलमेट जितना हल्का होगा वो उतना ही मजबूत इसलिए होगा क्योंकि उसमें हाई क्वालिटी मटिरियल लगेगा, जैसे कार्बन फाइबर वाले हेलमेट लाइट वेट होते हैं लेकिन उतने ही मजबूत भी होते हैं, लेकिन यह भी ध्यान देने की जरूरत है कि वो क्वालिटी स्टैण्डर्ड से मैच होने चाहिए।
क्या होता है BIS हेलमेट:
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा पारित एक अधिसूचना में कहा गया था कि, सभी दोपहिया हेलमेट भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) प्रमाणित होने चाहिए। BIS का मतलब भारतीय मानक ब्यूरो है। बीआईएस ने जनवरी 2019 में हेलमेट से जुड़े नए नियम लागू किए थे। इन नियमों को हेलमेट की गुणवत्ता में सुधार के लिए डिजाइन किया गया था। इस नए नियम के चलते हेलमेट बनाने वाली कंपिनयों को इसी मानक पर हेलमेट बनाने पड़ रहे हैं। इस नियम के मुताबिक हेलमेट का वजन 1.2 किलो होना चाहिए। ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के मुताबिक गैर-आईएसआई मानकों वाले हेलमेट बेचना अपराध है।
इस नियम के अनुसार 1 जून, 2021 से सभी हेलमेट भारतीय मानक (ISI) के निशान वाले होने चाहिए। इसके अनुसार नई अधिसूचना, बीआईएस और आईएसआई प्रमाणीकरण वाले दोपहिया हेलमेट को देश में बेचने की अनुमति दी जाएगी। इस कदम का कारण कम गुणवत्ता वाले दोपहिया हेलमेट की बिक्री को समाप्त करना और उनकी इसकी गुणवत्ता में सुधार करना है। हालांकि, इस अधिसूचना के जारी होने के बाद बड़ा हंगामा हुआ था कि, क्योंकि लगभग सभी आयातित फुल-फेस हेलमेट को भारत में बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिन पर ISI का निशान नहीं था और उनका वजन अनुमत सीमा से काफी अधिक था।
ओरिजिनल हेलमेट की क्या पहचान है?
ऐसे में जरुरी है कि आपको एक सही हेलमेट की पहचान हो। असली हेलमेट के ऊपर हमेशा ISI मार्क जरूर लगा होता है। इस ISI मार्क का मतलब होता है हेलमेट पहनने के लिए सुरक्षित है।बाजार में कई ब्रांड्स हैं जोकि असली हेलमेट बना रहे हैं, अब अब ऐसे में अगर आप एक ओरिजिनल ISI मार्क हेलमेट खरिदने की सोच रहे हैं तो आपको यह कम से कम 900-1000 रुपये की कीमत में मिल जाएगा।
