जयपुर। सरदार पटेल पुलिस यूनिवर्सिटी के स्थापना दिवस समारोह को राज्यपाल कलराज मिश्र और सीएम अशोक गहलोत ने वीसी के जरिए संबोधित किया। राज्यपाल ने यह बातें सरदार पटेल पुलिस यूनिवर्सिटी के स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में कही।
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि ब्रिटिश सरकार पुलिस का इस्तेमाल लोगों का दमन करने में करती रही। इसलिए पुलिस की छवि आरंभ से खराब रही है। यह छवि अब भी चली आ रही है। इस छवि को बदलने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने यह बातें सरदार पटेल पुलिस यूनिवर्सिटी के स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में कही। उन्होंने समारोह को वर्चुअल संबोधित किया।
राज्यपाल ने इस दौरान कहा कि कोरोना की गति को रोकने में पुलिस ने बड़ी भूमिका निभाई है। राजस्थान के पुलिसकर्मियों की भूमिका की जितनी तारीफ की जाए वह कम है। यह काम मन की आंतरिक अनुभूति की वजह से हुआ है, यह आंतरिक अनुभूति आगे भी बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड जागरूकता अभियान से लेकर लोगों की मदद करने तक पुलिस ने विशेष भूमिका निभाई है। पुलिस की इस छवि का प्रचार-प्रसार हो। पुलिस विश्वविद्यालय पुलिस की छवि सुधारने का अभियान चलाए।
साइबर अपराध आज सबसे बड़ी चुनौती
राज्यपाल ने मानव व्यवहार प्रबंधन पर विशेष दक्षता के पाठ्यक्रम चलाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में सबसे बड़ी चुनौती साइबर अपराधों से बचाने की है। अपराधी डिजिटल करंसी का लाभ उठा रहे हैं।साइबर मनी लॉन्ड्रिंग का नया दौर शुरू हो गया है। डार्क नेट के जरिए साइबर अपराधी नशे से लेकर हर तरह के अवैध काम कर रहे हैं। साइबर अपराध, संगठित अपराध, आपदा प्रबंधन के एक्सपर्ट को बुलाया जाए। विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर स्टडी आॅन यूएन खोला जा रहा है। इससे संयुक्त राष्ट्र की कार्यप्रणाली को समझने में मदद मिलेगी और संयुक्त राष्ट्र में करियर तलाशने वाले अफसरो को प्रशिक्षण मिल सकेगा।
सीएम अशोक गहलोत ने की राज्यपाल की तारीफ
राज्यपाल ने कार्यक्रम की शुरूआत में संविधान की प्रस्तावना का वाचन करवाया। सीएम अशोक गहलोत ने अपने भाषण में राज्यपाल की जमकर तारीफ की। राज्यपाल ने भी सीएम को गतिशील व्यक्तित्व का धनी कहकर संबोधित किया। सीएम गहलोत ने कहा कि संविधान की मूल भावना को आत्मसात करने की आवश्यकता है। खुशी तब होती है जब राज्यपाल संविधान की मूल भावना को देखते हुए हर कार्यक्रम की शुरूआत में संविधान की प्रस्तावना पढ़वाते हैं।
इस शुरूआत के लिए राज्यपाल साधुवाद के पात्र हैं। आप पहले राज्यपाल हैं जिन्होंने यह शुरूआत की है। हमें संविधान की मूल भावना को आत्मसात करना चाहिए, यही हमारी खूबी होनी चाहिए। जो संविधान की शपथ लेता है उसका यह मूल दायित्व है कि वह इसे निभाएं।