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प्रेमचंद जयंती पर विचार गोष्ठी आयोजित

-प्रेमचंद ने साहित्य के माध्यम से यथार्थ का प्रकाश फैलाया : भाटी
श्रीगंगानगर (सीमा सन्देश)।
राजकीय सार्वजनिक जिला पुस्तकालय में सोमवार को साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद जयंती के उपलक्ष्य में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन व तथा मुंशी प्रेमचंद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर प्रारम्भ हुए इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता चौ. बल्लूराम गोदारा राजकीय कन्या महाविद्यालय की प्रो. डॉ. मधु वर्मा ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद लोकमंगल की साधनावस्था के साहित्यकार हैं। उनके पास हर परिस्थिति से जूझने वाले पात्र हैं, चाहे ‘गोदान’ का होरी हो या ‘पूस की रात’ का हल्कू हो, उनमें जिजीविषा है। कार्यक्रम अध्यक्ष, समादेष्टा (होमगार्डैस) अरूण सिंह भाटी ने मुंशी प्रेमचंद के साहित्यिक अवदान की चर्चा करते हुए बताया कि वे साहित्य जगत के एक देदीप्यमान नक्षत्र थे, जिन्होंने अपने साहित्य के माध्यम से ‘यथार्थ’ का प्रकाश फैलाया, जो आज भी प्रासंगिक है। विशिष्ट अतिथि से.नि. प्राचार्य डॉ. पीसी आचार्य ने कहा कि प्रेमचन्द का साहित्य भूत, भविष्य व वर्तमान परिवेश में सही प्रमाणित होता है। उन्होंने कविता के माध्यम से प्रेमचन्द के साहित्य पर बखूबी प्रकाश डाला। सारस्वत अतिथि से.नि. कृषि अधिकारी मदन जोशी ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद ने अपनी सृजनधर्मिता से पूरे देश को जगाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अतिथियों का स्वागत पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. रामनारायण शर्मा ने किया। मंच संचालन शिक्षाविद् मनीराम सेतिया ने किया। पूर्व पीएमओ डॉ. ओपी गोयल ने आभार व्यक्त किया। साहित्यकार मदन अरोड़ा, योगराज भाटिया, जयश्री जांगिड़, से.नि. बैंक अधिकारी सुरेश कनवाड़िया, से.नि. आयकर अधिकारी अशोक किंगर, से.नि. प्रधानाचार्य स्वरूपसिंह जज सहित प्रबुद्ध पाठक, गण्यमान्य नागरिक तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।