हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)। गांव 2 केएनजे में मां के छोड़कर चले जाने व पिता के जेल में बंद होने से लावारिस हुए चारों बच्चों का भरण-पोषण अब उनके ही चाचा व बुआ करने को तैयार हो गए हैं। गांव के जागरूक नागरिकों के प्रयासों से एक-एक बच्चे को उनके ही चाचा व बुआ ने रखने की सहमति दे दी है। इस पर बाल कल्याण समिति ने गांव में पहुंचकर अधिकारिक रूप से इन चारों बच्चों को उनके चाचा व बुआ के संरक्षण में सौंप दिया। इस कार्य में गांव के जागरूक नागरिक रणवीर सिहाग व सरपंच की संवेदनशीलता काम आई। वहीं बाल कल्याण समिति ने एक बेटी व उसकी माता को खुंजा के किसी व्यक्ति को 50 हजार रुपए में बेचने की शिकायत की जांच भी करवाने की बात कही है। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष जितेन्द्र गोयल ने बताया कि गांव 2 केएनजे के इन चारों बच्चों का पिता कुछ समय जेल में है जबकि उनकी माता बच्चों को लावारिस हालत में छोड़कर चली गई है। दो दिन पहले गांव के जागरूक नागरिकों की सूचना पर समिति सदस्य मौके पर पहुंचे। तब बच्चों के चारों चाचा ने खुद की आर्थिक हालत खराब होने का हवाला देते हुए बच्चों को अपने पास रखने से मना कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि इन बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए अगर इनके परिवार का कोई सदस्य इनकी देखरेख का जिम्मा नहीं उठा रहा तो समिति की ओर से इन बच्चों को अपने संरक्षण में लिया जाए। समिति अध्यक्ष ने कहा कि हमारा भी नैतिक दायित्व बनता है व प्राथमिकता रहती है कि बच्चे को उसके परिवार के सदस्य संरक्षण में लें और उसकी देखरेख करें। उसके बाद अगर कोई भी बच्चों के सिर पर हाथ नहीं रखती है तो बाल कल्याण समिति बच्चों को अपने संरक्षण में लेती है। अध्यक्ष जितेन्द्र गोयल ने बताया कि समिति को ग्रामीणों की ओर से दोबारा गांव में बुलाया गया और बताया कि बच्चों के चाचा व बुआ इन बच्चों को अपने पास रखने के लिए राजी हैं। वे एक-एक बच्चे का लालन-पालन करने को तैयार हो गए हैं। समिति अध्यक्ष ने कहा कि पहले इन बच्चों के संरक्षण के लिए परिवार का कोई सदस्य आगे नहीं आ रहा था लेकिन अब गांव के जागरूक नागरिकों के प्रयास से इन बच्चों का पालन-पोषण उनके ही परिवार के लोग करने को तैयार हो गए हैं।
