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राजस्थान: गहलोत ने बढ़ाई भाजपा की चिंता, 8 जुलाई को बीकानेर आएंगे मोदी

बीकानेर: राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने पूरा जोर लगा दिया है। एक तरफ प्रदेश में कांग्रेस सरकार को रिपीट करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एडी चोटी का जोर लगा रहे हैं। लोक कल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश के हर परिवार को लाभ पहुंचाने की कोशिश के साथ ही योजनाओं का प्रचार प्रसार तेजी से किया जा रहा है। उधर, बीजेपी के केन्द्रीय नेता राजस्थान के अलग अलग जिलों में धड़ाधड़ रैलियों का आयोजन कर रहे हैं। केन्द्रीय मंत्रियों और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी राजस्थान पर पूरा फोकस किया है। पीएम मोदी पिछले 8 महीनों में 6 बार राजस्थान का दौरा कर चुके हैं। 8 जुलाई को पीएम मोदी फिर से राजस्थान आ रहे हैं। बीकानेर में उनकी रैली प्रस्तावित है।
वैसे तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पिछले दोनों कार्यकाल भी अनूठी योजनाओं के लिए यादगार रहे। इस तीसरे कार्यकाल में सीएम अशोक गहलोत ने विकास कार्यों और अनूठी योजनाओं की झड़ी लगा दी। सरकारी योजनाओं के जरिए सीएम अशोक गहलोत प्रदेशवासियों को ज्यादा से ज्यादा राहत देने की कोशिश कर रहे हैं। इस कोशिश में वे कामयाब भी हो रहे हैं। हाल ही में सरकार ने कई ऐसी योजनाएं लॉन्च की है जिसका लाभ प्रदेश के हर परिवार तक पहुंच रहा है। अब एक दिन पहले 29 जून को उन्होंने सोशल मीडियो के जरिए फिर से नई सौगात देने का संकेत दिया है।
राज्य सरकार अपनी नई ओर जन कल्याण वाली योजनाओं के आधार पर जनता से वोट मांग रही है। इनमें कर्मचारियों के लिए ‘ओल्ड पेंशन स्कीम’ बहाल करके मुख्यमंत्री ने ब्रह्मास्त्र छोड़ दिया। 25 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। हर परिवार इस योजना में कवर हो रहा है। साथ ही 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा भी किया जा रहा है। साथ ही हर परिवार को 100 यूनिट मुफ्त बिजली, एक करोड़ से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, किसानों को 2000 यूनिट मुफ्त बिजली, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को सिर्फ 500 रुपए में घरेलू गैस सिलेंडर, खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े परिवारों को हर महीने फूड पैकेट, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में संचालित रोजगार गारंटी योजना के कार्य दिवस में बढ़ोतरी, एक करोड़ से ज्यादा लोगों को न्यूनतम 1000 रुपए की मासिक पेंशन और प्रदेश की एक करोड़ 35 लाख महिलाओं को स्मार्ट फोन दिए जा रहे हैं। स्मार्ट फोन नहीं पहुंचने पर महिलाओं के बैंक अकाउंट में सीधे नकद राशि ट्रांसफर करने की तैयारी चल रही है। लम्पी में जिन दुधारू पशुओं की अकाल मौत हुई, उन पशुपालकों को 40 हजार रुपए प्रतिपशु का मुआवजा देकर गहलोत सरकार ने सत्ता में फिर से लौटने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सक्रियता और जनकल्याणकारी योजनाओं की काट ढूढ़ रही है। बीजेपी के नेताओं को फिलहाल कोई ऐसा आइडिया नहीं सूझ रहा है जिससे की प्रदेश में कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाया जा सके। बीजेपी का धार्मिक मुद्दा कर्नाटक में फेल हो गया था। ऐसे में राजस्थान में भी यह फामूर्ला कामयाब होगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है। बीजेपी के नेता केन्द्र सरकार की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। प्रदेश में बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन गहलोत की सक्रियता और उनकी योजनाओं के सामने ये मुद्दे गौण साबित हो रहे हैं। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस को रोकने के लिए बीजेपी क्या नई रणनीति बनाती है।