जयपुर
- प्रदर्शन को मिला कांग्रेस का समर्थन, सभी मंत्रियों और विधायकों को हाईवे पर बने रहने के आदेश दिए गए थे
- कई हाईवे पर दोपहर एक बजे तक भी कांग्रेसी नहीं पहुंचे, बोले- रात 12 बजे आदेश मिले तो पहुंचने में वक्त लगा
- जयपुर में अजमेर रोड आधे घंटे ही जाम के बाद खुल गया, कांग्रेस का कहना है कि लोग परेशान हो रहे थे
राजस्थान से जुड़े ज्यादातर हाईवे शाम 4 बजे के आसपास खाली हो गए। दोपहर 12 से 3 बजे तक चक्काजाम का निर्णय किया गया था। अलवर के शाहजहांपुर बॉर्डर पर नियमित धरना जारी है। एक-दो स्थानों पर किसानों की महापंचायत है, जो चल रही है। बाकी सभी हाईवे खाली हो गए हैं।
जाम खुलने से पहले राजधानी समेत लगभग सभी जिलों में कांग्रेस नेता-कार्यकर्ता भी हाईवे पर पहुंचे। अलवर में किसानों ने हाईवे पर पत्थर और कंंटीली झाड़ियां बिछा दी थीं। जयपुर में ट्रैक्टर लगाकर रास्ते जाम कर दिए थे। कोटा समेत तमाम शहरों में ट्रैक्टर रैली निकाल कर हाईवे पर जाम लगाया गया था।
प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस ने किसानों के इस आंदोलन को पूरा समर्थन दिया था। ऐसे में कानून व्यवस्था के नाम पर पुलिस प्रशासन की ओर से किसानों को न तो हाईवे पर जाने से रोका गया और न ही किसी प्रकार के जाम को खुलवाने की कवायद की गई। केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने शनिवार को तीन घंटे के लिए देशभर में हाईवे जाम का आह्वान किया था।
![नागौर जिले के शेरानी आबाद में नेशनल हाईवे संख्या 458 से चक्काजाम करने जाती हुई महिलाएं।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/02/06/new-project-11612596687_1612603657.jpg)
नागौर जिले के शेरानी आबाद में नेशनल हाईवे संख्या 458 से चक्काजाम करने जाती हुई महिलाएं।
इधर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आदेश देर रात तक प्रदेशभर के सभी नेताओं तक नहीं पहुंचे थे, ऐसी स्थिति में कई हाईवे पर कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता तय समय पर नहीं पहुंच सके। जयपुर के अजमेर रोड पर जिन कांग्रेसियों को जिम्मेदारी दी गई थी, वे दोपहर 1 बजे तक नहीं पहुंचे। उनका तर्क था कि देर रात आदेश के बाद तैयारी में वक्त लग गया। दूसरी ओर आमतौर पर जहां केवल कांग्रेस को जाम करना था, उनमें ज्यादातर आधा से एक घंटे ही जाम रहा। इनमें उदयपुर, जोधपुर आदि में तो जाम जैसी स्थिति भी नहीं बनी।
आवश्यक सेवाएं जाम से मुक्त थी
तीन घंटे के चक्काजाम से आवश्यक सेवाओं को मुक्त रखा गया था। एंबुलेंस, स्कूल, आपातकालीन सेवाओं, बुजुर्गों और महिलाओं को चक्काजाम में नहीं रोका गया। जयपुर के भांकरोटा में जाम के बीच से एंबुलेंस आसानी से निकल गई।
यह रही प्रदेश के विभिन्न हाईवे की स्थिति
![जयपुर में ट्रैक्टर के जरिए रास्ता रोका गया।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/02/06/6-feb-13_1612598562.jpg)
जयपुर में ट्रैक्टर के जरिए रास्ता रोका गया।
जयपुर के प्रमुख हाईवे को बाहर एंट्री प्वॉइंट्स पर जाम किया गया। सीकर रोड, आगरा रोड, दिल्ली रोड, अजमेर रोड और टोंक रोड पर जाम के कारण वाहनों की लंबी कतार लगी। अजमेर रोड पर करीब 3 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। राजधानी के चारों ओर हाईवे पर इसी तरह ट्रैक्टर लगाकर रास्ते रोक दिए गए। कांग्रेस की ओर से भी पूरा समर्थन इन्हें मिल रहा है। अजमेर रोड पर तो कांग्रेस ने ही रास्ता रोका।
![अलवर के पास नौगावां बार्डर पर किसानों का प्रदर्शन।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/02/06/6-feb-14_1612598641.jpg)
अलवर के पास नौगावां बार्डर पर किसानों का प्रदर्शन।
अलवर में शाहजहांपुर बॉर्डर पहले से ही आंदोलन चल रहा है। ऐसे में दिल्ली हाईवे पूरी तरह बंद हो गया। इसके अलावा बडौदामेव, तिजारा-भिवाड़ी रोड, अलवर भरतपुर रोड पर बडाैदामेव के पास, खैरथल-कोटपूतली रोड पर बानसूर टोल के पास, ततारपुर चौराहे के पास, मालाखेड़ा से आगे जयपुर-अलवर रोड पर जाम लगा दिया गया। शाहजहांपुर बॉर्डर पर सुबह साढ़े दस बजे ही सर्विस लेन भी बंद कर दी, जो बाद में खोल दी गई। हाईवे पर कंटीली झाड़ियां और पत्थर बिछाकर किसान विरोध व्यक्त किया।
![कोटा में निकाली जा रही ट्रैक्टर रैली।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/02/06/6-feb-12_1612598680.jpg)
कोटा में निकाली जा रही ट्रैक्टर रैली।
कोटा में इसकी शुरुआत ट्रैक्टर रैली से की गई। इसमें कोटा सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए।
अजमेर में शहर कांग्रेस कमेटी की ओर से अंबेडकर सर्किल पर किसान आंदोलन के समर्थन में जाम लगाने कार्यकर्ता पहुंचे।
![झुंझुन पुरा की ढाणी के आगे टोल बूथ पर किसानों ने लगाया जाम।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/02/06/6-feb-11_1612598764.jpg)
झुंझुन पुरा की ढाणी के आगे टोल बूथ पर किसानों ने लगाया जाम।
सीकर-झुंझुनूं में टाेल बूथाें के पास किसानों ने चक्काजाम किया। झुंझुनूं-सीकर मार्ग पर विजयनाई का बास (रघुनाथपुरा), सूरजगढ़ में रघुनाथपुरा टाेल बूथ के पास, चिड़ावा-दिल्ली हाईवे पर गाडाखेड़ा के पास, उदयपुरवाटी में टाेल बूथ के पास चक्काजाम किया गया। इसे अन्य संगठनों ने भी समर्थन दिया।
![नागौर के परबतसर में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का चक्का जाम। विधायक रामनिवास गावड़िया भी पहुंचे।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/02/06/6-feb-9_1612598806.jpg)
नागौर के परबतसर में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का चक्का जाम। विधायक रामनिवास गावड़िया भी पहुंचे।
बीकानेर में नेशनल हाईवे नंबर 11 पर टोडी हरमाड़ा से जाम कर दिया गया। इसका नेतृत्व कांग्रेस नेता सीताराम अग्रवाल कर रहे थे। कांग्रेस नेताओं के अलावा बड़ी संख्या में किसान यहां आए। उन्होंने सड़क पर ट्रैक्टर और अन्य वाहन लगा दिए।
![चौमूं के पास चक्काजाम में आयोजित महापंचायत में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/02/06/new-project-4_1612601743.jpg)
चौमूं के पास चक्काजाम में आयोजित महापंचायत में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया।
जयपुर के चौमूं के पास हाईवे पर हुई किसानों की महापंचायत में महिलाएं भी पहुंचीं। उन्होंने महापंचायत को संबोधित भी किया।
धौलपुर के बाड़ी में किसानों एनएच 11 बी को रोककर धरना दिया। बाद में सभा हुई। बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और धौलपुर के पूर्व विधायक अब्दुल सगीर खान भी धरना स्थल पर पहुंचे।