सीमा लांघने को आतुर घग्घर, प्रशासन जुटा कंट्रोल करने में
by seemasandesh
कई जगह तटबंधों के किनारों तक पहुंचा पानी
सेमनाला और घग्घर नाली बेड में क्षमता से अधिक पानी चलने पर प्रशासन रेड अलर्ट मोड पर हनुमानगढ़ (सीमा सन्देश न्यूज)। जिले से गुजर रही घग्घर नदी में पानी की मात्रा में बढ़ोतरी का दौर शनिवार को भी जारी रहा। बढ़ते जलस्तर के कारण इलाके पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। दिन बीतने के साथ ही लोगों की बैचेनी भी बढ़ रही है। जिला कलक्टर के निर्देशन में प्रशासन, पुलिस, जल संसाधन विभाग और नगर परिषद के अधिकारी पूरी तरह मुस्तैद हैं। दिन-रात तटबंधों की निगरानी की जा रही है। शुक्रवार के मुकाबले शनिवार को घग्घर नाली बेड में पानी की मात्रा बढ़कर 7049 क्यूसेक हो गई। शनिवार सुबह ओटू हैड से रिकॉर्ड 40700 क्यूसेक पानी राजस्थान की ओर रिलीज किया जा रहा था जो दोपहर को घटकर 40350 क्यूसेक रह गया। शनिवार को राजस्थान में कुल 28662 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी। घग्घर साइफन पर 23550 क्यूसेक पानी पहुंच रहा था। इसमें से जीडीसी आरडी 42 (सेमनाला) में 16385 क्यूसेक और घग्घर नाली बेड में 7049 क्यूसेक पानी रिलीज किया जा रहा था। इंटेक स्ट्रक्चर के जरिए इंदिरा गांधी नहर परियोजना में डाले जा रहे पानी की मात्रा में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। शनिवार को आईजीएनपी में 5112 क्यूसेक पानी डाला जा रहा था। सेमनाला और घग्घर नाली बेड में पिछले दो-तीन दिन से क्षमता से अधिक पानी चलने से प्रशासन रेड अलर्ट मोड पर है। लगातार आमजन से सतर्क रहने व घग्घर बहाव क्षेत्र के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से सुरक्षित जगह पर जाने की अपील की जा रही है। प्रशासन की मानें तो अगले 48 से 72 घंटे घग्घर क्षेत्र के लिए काफी अहम हैं। क्योंकि सेमनाला की क्षमता 16000 क्यूसेक पानी की है लेकिन वर्तमान में क्षमता से अधिक चल रहा है। अब साइफन पर जितना पानी बढ़ेगा, वह नाली बेड में ही बढ़ाया जाएगा। वर्तमान में घग्घर नदी खतरे की सीमा को पार कर रही है और इसके अभी और भी बढ़ने की संभावना है। नाली बेड की क्षमता भी 5500 क्यूसेक आंकी गई थी। इससे अधिक पानी चलने के बाद से नाली बेड के तटबंधों के टूटने का खतरा पैदा हो गया है। कई जगह तटबंधों के ऊपरी किनारे तक पानी पहुंच चुका है और ओवरफ्लो होने के कगार पर है। ऐसे में प्रशासन ने भी सेकंड लाइन आॅफ डिफेंस पर काम करना शुरू कर दिया है। शनिवार को हनुमानगढ़ टाउन में बिहारी बस्ती के पास मुर्गी फार्म के पीछे पानी घग्घर नाली बंधे के बराबर पहुंचने पर प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। बंधे से मिट्टी का कटाव होने की सूचना मिलने पर तत्काल मौके पर पहुंचे एसडीएम डॉ. अवि गर्ग सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों व पार्षद अर्चित अग्रवाल, पूर्व पार्षद गौरव जैन ने बचाव कार्य शुरू करवाया। स्थिति इतनी विकट थी कि यहां जेसीबी आदि साधन भी नहीं पहुंच सके। इस कारण मजदूर हाथों से कट्टे उठाकर यहां लेकर पहुंचे और बंधे को मजबूत करने का कार्य किया। घग्घर नाली बेड के लबालब होने से इस तरह के हालात कई जगह पैदा हो रहे हैं। घग्घर नदी उफान पर होने के कारण अब पानी इन तटबंधों को पार कर अपनी सीमा लांघने का प्रयास करता नजर आ रहा है। शनिवार को एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें भी घग्घर बहाव क्षेत्र में मुस्तैद नजर आर्इं।