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15 अगस्त को दहलाने वाला था देश! हिजबुल और जैश के प्लान का UP ATS ने किया बड़ा खुलासा

मुरादाबाद. 15 अगस्त को हिजबुल आतंकियों द्वारा भारत को दहलाने की साजिश रची जा रही थी, लेकिन यूपी एटीएस ने इनके इरादो पर पानी फेर दिया। आइये जानते है पूरी खबर…

दरअसल, चार अगस्त को अहमद रजा की रिमांड यूपी एटीएस को मिली। इसके बाद से लगातार पूछताछ कर रही एटीएस की टीम ने संदिग्ध आतंकी अहमद रजा से कई राज उगलवाएं हैं। पूछताछ में सोशल मीडिया चैट्स, आतंकी ट्रेनिंग, पाकिस्तान से लेकर तालिबानी कनेक्शन तक कई खुलासे हुए हैं।

ये संदिग्ध आतंकी अपने साथी के साथ मिलकर आगामी स्वतंत्रता दिवस पर बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम देने की फिराक में था। एटीएस ने अहमद रजा की निशानदेही पर घर के पास से पिस्टल व कारतूस बरामद किया है। एटीएस की टीम अहमद रजा को रिमाइंड पर लेने के बाद मुरादाबाद, जम्मू कश्मीर, अनंतनाग, श्रीनगर में जाकर कर जांच पड़ताल रही है।अहमद रजा को मुरादाबाद लेकर पहुंची एटीएस को बड़ी सफलता हासिल हुई है।

बता दें कि पाकिस्तानी हैंडलर से संपर्क रखने के बाद अहमद रज़ा को गिरफ्तार किया था। आरोपी मुंडापांडे थाना इलाके गुलड़िया का रहने वाला है।

निशानदेही पर घर के पास से बरामद किया अमेरिका मेड पिस्टल, कारतूस

जब रज़ा को यूपी एटीएस मुरादाबाद लेकर आई तो उसी की निशानदेही पर अमेरिका की बनी हुई पिस्टल बरामद हुई और साथ ही साथ कारतूस भी बरामद किये गए हैं। पाकिस्तान हैंडलर से संपर्क रखने के बाद इसे गिरफ्तार किया गया था. इसी सिलसिले में STF ने जम्मू-कश्मीर,अनंतनाग, श्रीनगर में जाकर जांच भी की है।

तालिबानी सेना की स्पेशल फोर्स में शामिल होना चाहता था रजा

यूपी एटीएस को प्राप्त जानकारी के मुताबिक, फिरदौस ने अहमद रजा को आतंकी ट्रेनिंग के लिए कश्मीर के अनंतनाग में बुलाया था। उसी ने रजा को अनंतनाग के पहाड़ियों में आंतकवादी ट्रेनिंग दी थी। आतंकी अहमद रजा तालिबानी सेना की स्पेशल फोर्स बदरी 313 कमाण्डो शाखा में शामिल होना चाहता था। आतंकी अहमद जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तानी आतंकवादी वलीद के सम्पर्क में भी था जिसके कहने पर उसके द्वारा एक आटोमेटिक पिस्टल खरीदी गयी थी।

अहमद का चाचा गुलाम अहमद डार था मुजाहिद्दीन

वहीं, कुछ दिन पहले एटीएस ने आरोपी फिरदौस अहमद डार को गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ के दौरान एटीएस को मिली जानकारी के मुताबिक, अहमद अपने साथी के साथ मिलकर आगामी स्वतंत्रता दिवस पर बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम देने की फिराक में था। अहमद का सगा चाचा गुलाम अहमद डार मुजाहिद्दीन था। साल 1994 में गुलाम अहमद डार सेना की मुठभेड़ में मारा गया था। आरोपी अपने मुजाहिद्दीन चाचा गुलाम अहमद डार से प्रेरित था और जाकिर मूसा को अपना आदर्श मानता है।