दुनिया में पहली बार लैब में नवजात के लिए ब्रेस्ट मिल्क को तैयार किया है। इजरायल के स्टार्टअप ‘बायोमिल्क’ ने महिलाओं की स्तन कोशिकाओं से दूध तो बनाने में कामयाबी पाई है। कंपनी का दावा है कि इस दूध में ज्यादातर वो सभी पोषक तत्व हैं जो मां के दूध में पाए जाते हैं।
दावा- मां के दूध जैसा मिल्क
कंपनी की चीफ साइंस ऑफिसर और को-फाउंडर डॉ. लीला स्ट्रिकलैंड का कहना है, हमारे प्रोडक्ट में पोषक तत्वों की मात्रा किसी भी दूसरे प्रोडक्ट से ज्यादा है। ये मां के दूध से काफी मिलता-जुलता है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैटी एसिड्स और बायोएक्टिव लिपिड्स जैसे सभी पोषक तत्व हैं जो मां के दूध में मौजूद होते हैं।
सिर्फ एंटीबॉडी का अंतर है
डॉ. लीला का कहना है, लैब में तैयार ब्रेस्ट मिल्क और मां के दूध में एक ही अंतर है वो है एंटीबॉडी। मां के दूध से बच्चे में रोगों से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज बनती हैं, जबकि इस दूध से ऐसा नहीं होता। लेकिन सभी जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं।
बेटा प्री-मैच्योर पैदा हुआ तो नहीं दे पाईं दूध
डॉ. लीला का कहना है, लैब में ब्रेस्ट मिल्क को तैयार करने की भी एक कहानी है। वह कहती हैं, मेरा बेटा प्री-मैच्योर पैदा हुआ था। इस कारण मैं उसे ब्रेस्ट मिल्क नहीं उपलब्ध करा पाई थी। इसी से सबक लेते हुए मैंने लैब में ब्रेस्ट मिल्क को तैयार करने का लक्ष्य तय किया। 2013 से लैब में स्तन कोशिकाओं को विकसित करना शुरू किया था। हमारी कंपनी के स्टाफ में ज्यादातर महिलाएं हैं।
इम्यून सिस्टम और दिमाग का विकास करने में मददगार
डॉ. लीला का दावा है कि जिस तरह हमारा प्रोडक्ट बच्चे के इम्यून सिस्टम, आंत और दिमाग के विकास में मदद करता है उतना दूसरे मिल्क प्रोडक्ट नहीं करते। हमारी कोशिश है कि अगले तीन साल में इसे मार्केट में उपलब्ध कराया जाए।
डॉ. लीला कहती हैं, मैंने स्टार्टअप की शुरुआत 2019 में फूड साइंटिस्ट मिशेल एगर के साथ मिलकर की थी। हमारा लक्ष्य ब्रेस्टफीडिंग को खत्म करना नहीं है। हम चाहते हैं, अपने प्रोडक्ट की मदद से महिलाओं को ब्रेस्ट मिल्क का एक विकल्प उपलब्ध कराएं।